मुजफ्फरपुर में गंगा मुक्ति आंदोलन के द्वारा नदी बचाओ अभियान के तहत “सांस्कृतिक यात्रा” की शुरुआत जय प्रभा नगर मझौलिया मुजफ्फरपुर से हुई।

“सांस्कृतिक यात्रा” का पहला ठहराव परिवार परामर्श केंद्र “संबल” में हुई समाजसेवी/वरिष्ठ पत्रकार संगीता सुभाषिनी एवं वरिष्ठ पत्रकार अनिल गुप्ता द्वारा “सांस्कृतिक यात्रा”का स्वागत सम्मान किया गया।

दूसरा ठहरावस करी, प्रखंड कुढ़नी में कठपुतली द्वारा नदी संवाद किया गया। एकता परिषद के लखींद्र प्रसाद के द्वारा सांस्कृतिक यात्रा को सहयोग एवं शुभकामना दी गई।
तीसरा ठहराव बलहा घाट, पंचायत बसंता जहानाबाद, प्रखंड लालगंज, वैशाली में हुआ। “सांस्कृतिक यात्रा” को संबोधित करते हुए मत्स्य जीवी सहयोग समिति लिमिटेड के प्रदेश अध्यक्ष प्रयाग सहनी ने बताया कि नदियों पर बन रहे बांध एवं उससे हो रहे जान माल की क्षति और बाढ़ की समस्या तथा फरक्का बांध के कारण गंगा सहित विभिन्न नदियों की स्थिति ,गाद की समस्या,67 प्रकार के मछलियों की प्रजातियां विलुप्त होने तथा 80 प्रतिशत मछलियां के उत्पाद में कमी आई हैं।

आज से 50 साल पहले नदियों पर कोई बांध नही था तो नदियां अविरल और निर्मल बहती थीं तथा नदियों में सॉल्ट जमा नहीं होती थी और न ही बाढ़ की समस्या होती थी।

सरकार के गलत नीति के कारण आज पूरे बिहार की आम जनता बाढ़ और सुखाड़ के चपेट में आ गई हैं। गंगा मुक्ति आंदोलन के प्रणेता पर्यावरणविद अनिल प्रकाश ने बताया की बागमती, गण्डक, लखनदेई, अधवारा समूह की नदियों, करेह, नून आदि नदियां अपनी जालनुमा उपस्थिति से जन जीवन को सदियों से सुखमय बनाती रही हैं।
लेकिन विकास के नाम पर बन रहे तटबन्धों,बराजों, फैक्ट्रियों, मिलों और थर्मलपावर स्टेशनों से बह रहे जहरीले, काले, पीले जहरीले कचरे के कारण हमारी जीवनदायी नदियों का दम घुट रहा है। नदियों पर जीनेवाले नाविक, मल्लाह, किसान, सब्जी उगानेवाले, है भैंस पाकर सुख से जीने वाले करोड़ों स्त्री पुरुषों आ जीविका और सांस्कृतिक जीवन बड़े गम्भीर संकट में है।

अब तो गंगा एवम उससे जुडी तमाम नदियों को बड़ी बड़ी देशी विदेशी कम्पनियों के हाथ मे सौंपने की शुरुआत हो चुकी है। सोंस को बचाने के नाम पर मल्लाहों को नदियों से खदेडने की चाल चली जा रही है।

नदियों के किनारे के सौंदर्यीकरण के बहाने किसानों की बेशकीमती जमीनों पर भी लुटेरी कम्पनियों की बुरी नजर है। इन्ही सवालों को लेकर गंगा मुक्ति आंदोलन के मित्रों का मिलन 14 अक्टूबर 2024 यूथ हॉस्टल, फ्रेजर रोड, पटना में होगा।

कठपुतली कलाकार सुनील सरला ने ये वक्त की आवाज़ हैं नदी बचाओ, ये जिंदगी का राज नदी बचाओ, गंगा गंगा रटईत रहली गंगा हथीन जलवा के रानी गंगा पूजे चलू हे सखी, गंगा जी में मिले न मछरिया कोना के दिनवा जतई हे नदी गीत सुनाकर सांस्कृतिक यात्रा में अपनी संवेदना प्रकट की।

इस अवसर पर मुख्य रूप गंगा मुक्ति आंदोलन के प्रणेता पर्यावरणविद अनिल प्रकाश,कठपुतली कलाकार सुनील सरला, रविदास महासंघ के प्रदेश महासचिव चंदेश्वर राम, अजय कुमार,देवेंद्र कुमार, लालगंज प्रखंड मत्स्य जीवी सहयोग समिति लिमिटेड के सचिव दिनेश सहनी,सदस्य गोपाल सहनी, दिलीप सहनी, लाल बाबू सहनी,हरिहर सहनी एवं अन्य सदस्य मौजूद थे।

