मोतिहारी: बिहार के मोतिहारी में कुछ दिनों से मगरमच्छ का खौफ मंडरा रहा था. यहां अरेराज प्रखंड स्थित पिपरा गांव में पिछले दो दिनों से डेरा जमाए मगरमच्छ को पकड़ने में वन विभाग सफल रहा. आधी रात में वन विभाग, पुलिस विभाग और बेतिया से आए पांच सदस्यीय टीम ने मगरमच्छ को कड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू किया.



13 अक्टूबर की रात घुसा था मगरमच्छ
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान अरेराज डीएसपी रंजन कुमार दल बल के साथ मौजूद रहे और मगरमच्छ को पकड़ने में सहयोग किया. अरेराज के रेंज ऑफिसर नारायण लाल सेवक ने बताया कि पकड़े गए मगरमच्छ को डुमरियाघाट के पास गंडक नदी में छोड़ दिया गया है. दरअसल 13 अक्टूबर की रात एक मगरमच्छ गांव में घुस गया था और चहलकदमी कर रहा था, जिसे देख ग्रामीणों में दहशत फैल गई थी.



अरेराज डीएसपी ने किया अभियान को लीड
मगरमच्छ को पकड़ने के लिए बेतिया से पांच सदस्यीय टीम बुलाई गई थी. वन प्रमंडल पदाधिकारी राजकुमार शर्मा, रेंजर नारायण लाल सेवक, एसबीओ वसी अहमद, ओमप्रकाश पटेल और अन्य वन कर्मियों ने स्थानीय पुलिस प्रशासन के मदद से मगरमच्छ पकड़ने का प्रयास शुरू किया.


जिसके बाद बेतिया से आई टीम के सहयोग से मगरमच्छ को पकड़ने में सफलता मिली. अरेराज डीएसपी रंजन कुमार खुद मगरमच्छ को पकड़ने के अभियान को लीड किया और अपने हाथों से अन्य सहयोगियों के मदद से मगरमच्छ के मुंह को बांधा.
10 फीट का था मगरमच्छ
पिपरा गांव से पकड़ा गया मगरमच्छ लगभग दस फीट का बताया जा रहा है. अरेराज रेंज ऑफिसर नारायण लाल सेवक ने बताया कि मगरमच्छ गंडक नदी में आए बाढ़ में बहकर आया था. जब पानी कम होने लगा तो वह तालाब में फंस गया. वहीं मगरमच्छ के रेस्क्यू अभियान में अहम भूमिका निभाने वाले अरेराज डीएसपी रंजन कुमार ने बताया कि मगरमच्छ को सुरक्षित पकड़कर डुमरियाघाट में गंडक नदी में छोड़ दिया गया है.

