पटना: जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और बीजेपी नेता आरसीपी सिंह नई सियासी पारी खेलने की तैयारी में हैं. वह दिवाली के दिन अपनी नई पार्टी बनाने की घोषणा करेंगे. 31 अक्टूबर को ही सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती है. ऐसे में प्रशांत किशोर के बाद आरसीपी सिंह की नई पार्टी के ऐलान के साथ ही नीतीश कुमार की परेशानी बढ़नी तो तय है. साथ ही सवाल ये भी है कि इस पार्टी का नाम क्या होगा, पार्टी में बड़े चेहरे कौन होंगे?


आईएएस से केंद्रीय मंत्री का सफर
आईएएस अधिकारी से राजनीति में आने वाले आरपी सिंह यानी रामचंद्र प्रसाद सिंह अभी अपनी पार्टी के नाम का खुलासा नहीं कर रहे हैं लेकिन नई पार्टी के गठन के बाद पूरे बिहार का भ्रमण करेंगे और संगठन को खड़ा करने की कोशिश करेंगे.


लंबे समय तक नीतीश कुमार के साथ पहले आईएएस अधिकारी के रूप में काम करने के बाद राजनीति में साथ रहे हैं. नीतीश कुमार ने पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष तक बनाया. केंद्र में जेडीयू की तरफ से मंत्री भी बने लेकिन नीतीश कुमार से दूरियां बढ़ने के बाद पार्टी छोड़ना पड़ा और बीजेपी में शामिल हो गए.



बीजेपी से आरसीपी सिंह का मोहभंग
हालांकि भारतीय जनता पार्टी में आरसीपी सिंह को बहुत अधिक तवज्जो नहीं मिली. बीजेपी से मोहभंग होने के बाद अब वह नई पार्टी के सहारे अपनी राजनीति की पारी खेलना चाहते हैं. राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक आरसीपी सिंह असल में सरदार पटेल की जयंती के मौके पर पार्टी का गठन कर कुर्मी समाज को मैसेज देने की कोशिश कर रहे हैं. इसका मतलब साफ है कि नुकसान नीतीश कुमार को ही 2025 विधानसभा चुनाव में करेंगे.


नीतीश के बेहद करीबी रहे हैं आरसीपी
पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का नीतीश कुमार के साथ ढाई दशक का साथ रहा है. केंद्र में जब नीतीश कुमार मंत्री थे, तब से वह उनके साथ रहे हैं. 2005 में जब नीतीश बिहार के मुख्यमंत्री बने तो आरसीपी उनके सचिव बन गए. वीआरएस लेने के बाद आरसीपी जेडीयू में शामिल हो गए. नीतीश कुमार ने उन्हें संगठन के कामकाज की जिम्मेदारी सौंप दी. पहले राष्ट्रीय महासचिव और फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बने.
कभी जेडीयू में आरसीपी का चलता था सिक्का
एक समय कहा जाता था कि आरसीपी सिंह की मर्जी से ही जनता दल यूनाइटेड में पत्ता हिलता है. उम्मीदवारों के चयन से लेकर मंत्री पद के चयन तक में अपनी बड़ी भूमिका रहती थी. यहां तक कि सरकार में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर भी फैसला लेते थे. आरजेडी ने उस समय ‘आरसीपी टैक्स’ का आरोप भी लगाया था.


कुर्मी वोटबैंक पर आरसीपी की नजर
अब आरसीपी सिंह सरदार पटेल की जयंती पर नई पार्टी लॉन्च करने जा रहे हैं. चूकि पार्टी की लॉन्चिंग दिवाली के दिन हो रही है, लिहाजा इसे सियासी ‘दिवाली धमाका’ के तौर पर भी देखा जा रहा है. सरदार पटेल कुर्मी समाज से आते थे, इसलिए आरसीपी सिंह इसी बहाने बिहार के कुर्मी समाज में मैसेज देना चाहते हैं. वह खुद भी कुर्मी समाज से ही आते हैं. सबसे बड़ी बात ये कि वह भी नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से ही आते हैं.