- कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया आज है। आज यानी रविवार को चित्रगुप्त पूजा और भाई दूज मनाया जा रहा है। हालांकि दीपावली के एक दिन के बाद चित्रगुप्त पूजा मनाया जाता है, लेकिन इस बार उदय तिथि में कार्तिक शुक्लपक्ष यम द्वितीया तीन नवंबर को है इसलिए रविवार को चित्रगुप्त पूजा के साथ-साथ भाईदूज भी मनाया जा रहा है।

भगवान चित्रगुप्त कायस्थों के जन्मदाता हैं, लेकिन पंडितों का कहना है कि लेखनी विद्या से आजीविका चलाने वाले सभी लोगों को यह पूजा जरूर करनी चाहिए।

ज्ञान और शिक्षा का प्रकाश घर-घर फैले
इस अवसर पर पटना समेत बिहार के कई जिलों में सामाजिक समारोह आयोजित हो रहा। पटना के गर्दनीबाग में बड़ा कार्यक्रम हर साल की तरह इस बार भी हो रहा। इसकी तैयारी पहले ही पूरी कर ली गई है।

चित्रगुप्त पूजा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा कई मंत्री, विधायक, सांसद, आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर, सरकारी अधिकारी, प्रोफेसर और पत्रकार सहित लगभग 10 हजार लोग शामिल होते हैं। इस कार्यक्रम में हर जाति, यहां तक कि दूसरे धर्म के लोग भी पहुंचते रहे हैं।


इधर, सीएम नीतीश कुमार ने चित्रगुप्त पूजा के अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि ज्ञान के अधिष्ठाता देवता चित्रगुप्त भगवान की आराधना से लोगों में पढ़ने-लिखने की अभिरूचि बढ़ती है।

बिहार में ज्ञान और शिक्षा का प्रकाश घर-घर फैले और सब के प्रयास से बिहार प्रगति के शिखर पर पहुंचे, यही मेरी कामना है।

जानिये कब है चित्रगुप्त पूजा
पटना सिटी के नौजर घाट स्थित आदि चित्रगुप्त मंदिर के अध्यक्ष और राज्यसभा के पूर्व सांसद आरके सिन्हा के अनुसार हर वर्ष की भांति पूरे पटना महानगर में जहां स्थाई रूप से चित्रगुप्त भगवान की मूर्ति है, इसके अलावा 50 से कुछ अधिक मूर्तियों को स्थापित किया गया है।

उन सभी मूर्तियों का विधिवत तीन नवंबर को पूजन होगा, चार नवंबर को यहां सामूहिक आरती होगी, फिर सामूहिक विसर्जन होगा। आरती में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आमंत्रित किया गया है। पंडितों की मानें तो आज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है।

इस तिथि पर अनुराधा नक्षत्र और सौभाग्य योग का संयोग रहेगा। दिन के शुभ मुहूर्त की बात करें तो अभिजीत मुहूर्त 11:42-12:26 तक रहेगा। राहुकाल प्रातः 6:11 से 17:33 मिनट तक रहेगा।

दीपोत्सव की कड़ी का अंतिम पर्व
भाईदूज और चित्रगुप्त पूजा दीपोत्सव की कड़ी का अंतिम पर्व है। इसके बाद बिहार में लोक आस्था के महापर्व छठ की तैयारी शुरू हो जाएगी। भाईदूज सनातन हिंदू धर्म की कई जातियों में स्त्रियां करती हैं। अविवाहित लड़की-युवती हो या विवाहित महिलाएं, सभी भाईदूज करेंगी।

कायस्थ जाति की विवाहित महिलाएं परंपरा के अनुसार चाहेंगी कि उनका भाई उनकी ससुराल में आकर भगवान चित्रगुप्त की पूजा करे और भाईदूज के बाद प्रसाद के साथ उनके हाथों का बना भोजन करे। जो भी कलमजीवी हैं, उन्हें भगवान चित्रगुप्त की पूजा जरूर करनी चाहिए।