बिहार में बढ़ेगा रोजगार का अवसर, राज्य के इस हिस्से में छिपा मिला खजाना, जानें क्या हो वो खास चीज?

बिहार के रोहतास जिले के सासाराम और कैमूर की पहाड़ियों के तटीय क्षेत्र भौरा कटरा में छिपा हुआ 33.25 मीट्रिक टन चूना पत्थर (लाइमस्टोन) का खजाना अब स्थानीय और क्षेत्रीय विकास का बड़ा स्रोत बनने जा रहा है। सरकार ने इस खनन परियोजना को मंजूरी देकर खनन कार्य शुरू कर दिया है। यह परियोजना न केवल स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ाएगी, बल्कि आर्थिक, शैक्षणिक और स्वास्थ्य क्षेत्र में भी सकारात्मक बदलाव लाएगी।

चूना पत्थर का खजाना

बिहार के रोहतास जिले के सासाराम और कैमूर की पहाड़ियों के खदान से 33.25 मीट्रिक टन चूना पत्थर मिलने की संभावना। कुल अनुमानित मूल्य 1761.42 करोड़ रुपये आंकी गई है। इससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे, जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 10,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। इस संबंध में क्षेत्रीय उद्योगों और सीमेंट कारखानों को पुनर्जीवित करने की योजना तैयार की जा सकती है। इस वजह से शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की संभावना है। इससे आस-पास के 60 से अधिक गांवों को सीधा फायदा पहुंचेगा।

कैसे बदल रही है तस्वीर?

भौरा कटरा खदान से मिलने वाले चूना पत्थर का उपयोग क्षेत्र के बंद पड़े सीमेंट उद्योगों को पुनर्जीवित करने में किया जाएगा। इससे न केवल रोहतास जिले, बल्कि बिहार और समीपवर्ती राज्यों (झारखंड, उत्तर प्रदेश) की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। खनन कार्य के लिए 5498 एकड़ वन भूमि को मुक्त किया गया। इससे परियोजना को गति मिलने के साथ-साथ खनन कार्य सुचारू रूप से जारी रहेगा। खनन कार्य में ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार मिलेगा।

क्षेत्र में स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे बुनियादी ढांका विकास होगा। यह परियोजना रोहतास और कैमूर जिले के अलावा, सीमांचल और कोसी क्षेत्र में भी विकास को गति देगी। सीमेंट उत्पादन और अन्य खनिज आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।

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