नए साल के जश्न के लिए बिहार में सैलानियों के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन, इन जगहों से करें शुरुआत

वैशाली जिले में स्थित भगवान गौतम बुद्ध की कर्मस्थली और भगवान महावीर की जन्मस्थली नए साल के जश्न के लिए सबसे आकर्षक और उत्तम जगह मानी जाती है। हर साल लाखों सैलानी नए साल का स्वागत करने के लिए यहां अपने परिवार, दोस्तों और जोड़ों के साथ पिकनिक और पार्टी मनाने पहुंचते हैं। वैशाली, हाजीपुर जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर और पटना से 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह अपने ऐतिहासिक महत्व और शांत वातावरण के कारण पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय है।

सैलानियों की उमड़ी भीड़
नए साल के जश्न में शामिल होने के लिए बिहार के अन्य जिलों से भी लोग वैशाली पहुंचते हैं। घने कोहरे और ठंड के बावजूद यहां का उत्साह देखने लायक होता है। डीजे की धुन पर थिरकते सैलानी, पिकनिक स्पॉट्स की रौनक और उत्सव का माहौल सब कुछ वैशाली को एक खास अनुभव प्रदान करता है।

प्रमुख पिकनिक स्थल
वैशाली में कई ऐसे स्थान हैं, जहां पर्यटक पिकनिक मनाने और नए साल का जश्न मनाने के लिए पहुंचते हैं। यहां ऐतिहासिक स्थल अभिषेक पुष्पकर्णी पर पर्यटक पानी के किनारे पिकनिक का आनंद लेते हैं। वैशाली गढ़ यहां की ऐतिहासिक धरोहर और भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमा पर्यटकों को आकर्षित करती है। पंचमुखी महादेव और वैशाली म्यूजियम आदि स्थानों पर श्रद्धालु और इतिहास प्रेमी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। वहीं, सरसई सरोवर की प्राकृतिक सुंदरता और 171 फीट ऊंची भगवान शिव की प्रतिमा लोगों को मंत्रमुग्ध कर देती है। सैलानी सेल्फी पॉइंट्स पर फोटो खिंचवाने से लेकर धार्मिक स्थलों पर पूजा-अर्चना कर सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हैं।

रामचौरा मंदिर की ऐतिहासिकता
हाजीपुर के प्रसिद्ध रामचौरा मंदिर में हर साल हजारों श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए जुटते हैं। लोककथाओं के अनुसार यह वही स्थान है, जहां गुरु विश्वामित्र भगवान राम और लक्ष्मण को जनकपुर के सीता स्वयंवर में ले जाते समय रुके थे। यहां उनका मुंडन संस्कार हुआ था और उनके पदचिह्न आज भी पूजा का केंद्र हैं।

सुरक्षा और प्रशासन की तैयारियां
सैलानियों की भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं। विभिन्न स्थानों पर ड्रॉप गेट लगाए गए हैं। मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गई है। हर पिकनिक स्थल पर निगरानी के लिए विशेष टीम तैनात की गई है।

देवी-देवताओं की आराधना और नए साल की शुभकामनाएं
सैलानी भगवान शिव, महावीर और गौतम बुद्ध की पूजा-अर्चना कर सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हैं। वहीं, स्थानीय लोग इन धार्मिक स्थलों की पवित्रता और महत्व को बनाए रखते हुए नव वर्ष का स्वागत करते हैं। गौरतलब है कि वैशाली में नए साल का जश्न सिर्फ एक पार्टी नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक अनुभव है। यह स्थल हर साल लाखों सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है और यही इसकी खासियत है।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Muzaffarpur News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading