विशिष्ट शिक्षक बनकर भी क्यों खुश नहीं हैं बिहार के ‘गुरु जी’, शिक्षा विभाग से भारी नाराजगी, जानिए वजह

बिहार में विशिष्ट शिक्षकों की परेशानी कम होने की नाम नहीं ले रही है। विशिष्ठ शिक्षक अब वेतन ना मिलने से परेशान हैं। नियोजित शिक्षक से विशिष्ट शिक्षक बने गुरु जी अब पछता रहे हैं। एक ओर जहां उन्होंने नियोजित शिक्षकों से भी कम वेतन मिल रहा है। दूसरी ओर शिक्षकों का जनवरी माह का वेतन अब तक नहीं मिला है। शिक्षक वेतन की मांग कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि वेतन ना मिलने से वो आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।

विशिष्ट शिक्षक बनना पड़ा महंगा

दरअसल, नालंदा जिले में नियोजित शिक्षकों के लिए विशिष्ट शिक्षक बनना अब मुश्किल साबित हो रहा है। जनवरी का वेतन अब तक न मिलने से शिक्षक परेशान हैं और उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। टेट प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला महासचिव पंकज कुमार ने बताया कि पहले शिक्षकों का वेतन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत आता था, जिससे भुगतान पहले सप्ताह में ही हो जाता था।

कई शिक्षकों के अब तक नहीं खुले अकाउंट 

हालांकि, विशिष्ट शिक्षक बनने के बाद वेतन राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) से जोड़ा गया है। इस प्रक्रिया के तहत पहले शिक्षकों का परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट (PRA) जनरेट किया जाएगा, जिसके बाद ही वेतन भुगतान संभव होगा। शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण अधिकांश शिक्षकों का अकाउंट अब तक नहीं बन पाया है, जिससे आगे भी वेतन में देरी की आशंका जताई जा रही है।

विभागीय उदासीनता पर नाराजगी

संघ के जिला मीडिया प्रभारी मुकेश कुमार ने बताया कि वेतन भुगतान की जिम्मेदारी संभाल रहे लिपिक भूपेंद्र कुमार निष्क्रिय बने हुए हैं। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि उन्हें अविलंब स्थानांतरित कर किसी तेजतर्रार लिपिक को प्रतिनियुक्त किया जाए, ताकि शिक्षकों को समय पर वेतन मिल सके। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द वेतन भुगतान नहीं हुआ, तो शिक्षक धरना-प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे।

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