बैंक को ही लगा डाला चूना, नकली सोना रखकर उठा लिए 1 करोड़ रुपए, मचा ह’ड़कंप

पटना जिले के बाढ़ में बैंक ऑफ इंडिया की घीवर शाखा में नकली सोना रखकर लगभग एक करोड़ रुपए का गोल्ड लोन घोटाला सामने आया है। इस मामले में शाखा प्रबंधक राहुल कुमार ने थाने में केस दर्ज कराया है।

2020-21 और 2021-22 की अवधि के दौरान कुल 23 ऋण धारकों ने गोल्ड लोन के लिए शाखा से संपर्क किया था। ग्राहकों के सोने का मूल्यांकन करने के लिए बख्तियारपुर के हकीकतपुर निवासी इंपैनल सोनार सुमित कुमार को बुलाया गया था। सुमित कुमार द्वारा सोने का मूल्यांकन करने के बाद लोन की प्रक्रिया शुरू की गई थी। बैंक ऑफ इंडिया धिबर शाखा बाढ़ द्वारा जरूरी कागजातों और गोल्ड लोन नियमों का पालन करते हुए ऋण धारकों को गोल्ड लोन का भुगतान किया गया था।हालांकि, जब ऋण धारकों ने समय पर ऋण की रकम नहीं चुकाई, तो शाखा ने सभी 23 ग्राहकों के खाते एनपीए घोषित कर दिए। बाद में, बैंकिंग नियमों के अनुसार वार्षिक पुनः मूल्यांकन के दौरान, नए इंपैनल सोनार आशीष कुमार ने जांच कर लिखित रूप से सूचित किया कि गोल्ड लोन धारकों द्वारा गिरवी रखा गया सोना नकली है।

शाखा प्रबंधक का कहना है कि इंपैनल आभूषण जांचकर्ता सुमित कुमार ने सभी ऋण धारकों के साथ मिलकर जानबूझकर आपराधिक लाभ हेतु एक राय होकर आपराधिक षडयंत्र के तहत सोने का गलत मूल्यांकन कर बैंक के साथ धोखाधड़ी और विश्वासघात कर गैरकानूनी तरीके से बैंक को आर्थिक नुकसान पहुंचाया है।सूत्रों के अनुसार, यह भी शक जताया जा रहा है कि इतने बड़े फर्जीवाड़े में कोई और भी शामिल हो सकता है।

चर्चा यह भी है कि कोई शातिर व्यक्ति सोनार से मिलकर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है। या फिर कहीं सोनार ने तो नहीं यह खेल, उन लोगों को कुछ पैसे देने का प्रलोभन देकर उनके नाम से पैसे निकलवाए। हालांकि, गहनता से जांच के बाद ही यह मामला स्पष्ट हो पाएगा।

जिन 23 लोगों पर केस दर्ज किया गया है, उनमें शेरपुर, बिहारी बीघा, परसावा, बलीपुर, हुसैनगंज, भुआपुर, राम नगर दियारा, सबनीमा, सुलेमान दरगाह, ब्राह्मणी कॉलोनी, गर्ल्स स्कूल के पीछे समेत अन्य जगहों के ग्राहक शामिल हैं।थानाध्यक्ष ने बताया कि मामले में केस दर्ज कर लिया गया है। सूत्रों के अनुसार, फर्जीवाड़े के इस मामले में कई बैंककर्मी भी संदेह के घेरे में हैं। पुलिस बैंककर्मियों से भी पूछताछ करेगी। वहीं, जिन ग्राहकों द्वारा पैसा निकालकर जमा नहीं किया गया है, उनसे भी पुलिस पूछताछ करेगी।

साल 2023 में भी इसी बैंक के बख्तियारपुर, ढीबर और बाढ़ शाखा से नकली सोना रखकर करीब साढ़े चार करोड़ का फर्जी सोना रखकर ग्राहकों द्वारा लोन लिया गया था। उस वक्त मामले को लेकर सभी थानों में केस भी दर्ज किया था। सूत्रों का कहना है कि उस वक्त बाढ़ में दर्ज मामले को लेकर जब जांच की गई थी, तब केस की जांच करने के दौरान पुलिस को यह पता चला था कि उन्हें पांच हजार रुपए का प्रलोभन देकर उनके नाम से लोन लिया गया था, जिसके बारे में वह कुछ भी नहीं जानते हैं।

इसके अलावा, बख्तियारपुर के ही बैंक ऑफ बड़ौदा माधोपुर शाखा से भी डेढ़ सौ लोगों के नाम पर इसी तरह का खेल हुआ था, जहां लगभग पांच करोड़ का फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया था। इस संबंध में क्षेत्रीय प्रबंधक द्वारा केस भी दर्ज कराया गया था। हालांकि, मामले में वैल्यूअर सोनार सुमित को भी नामजद आरोपी बनाया गया था, क्योंकि बैंक ऑफ बड़ौदा और बैंक ऑफ इंडिया द्वारा वैल्यूअर सोनार के रूप में सुमित को ही रखा गया था।इस घटना से बैंक की प्रतिष्ठा को काफी नुकसान हुआ है और ग्राहकों का विश्वास भी कम हुआ है। पुलिस को इस मामले की गहन जांच करके दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करना चाहिए।

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