बिहार में विधानसभा का सत्र चल रहा है. इसी बीच डोमिसाइल की मांग को लेकर पारामेडिकल छात्रों ने पटना की सड़कों पर जमकर प्रदर्शन किया. गांधी मैदान थाना के पास से पारामेडिकल छात्रों का विधानसभा मार्च निकला और मार्च जेपी गोलंबर तक जैसे पहुंचा पुलिस ने उसे रोक दिया. इस दौरान विभिन्न ट्रेड से जुड़े पारामेडिकल छात्रों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कहा कि सरकार, बिहार के युवाओं की नौकरी छीन कर दूसरे प्रदेश के युवाओं को दे रही है.

10000 सीटों पर आई है वैकेंसी : बिहार पारा मेडिकल संघ के अध्यक्ष भारत भूषण ने बताया कि बीते दिनों उनके कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे आए हुए थे. तमाम पारामेडिकल छात्रों की डिमांड डोमिसाइल को लेकर जो थी, उसपर सहमति जताई थी. लेकिन वर्तमान समय में लैब टेक्नीशियन एक्स-रे टेक्निशियन जैसे 5 से 6 ट्रेड में लगभग 10000 सीटों पर वैकेंसी आई हुई है और इसमें डोमिसाइल का कोई जिक्र नहीं है.

बिहार के छात्रों की हो रही हकमारी’ : पारा मेडिकल संघ के सचिव सुरेंद्र सुमन ने कहा कि बिहार के युवाओं के साथ हकमारी हो रही है. पारा मेडिकल के फील्ड में अस्पतालों में लाखों पद खाली हैं लेकिन महज 10000 पद पर वैकेंसी आई हुई है. ऊपर से इस वैकेंसी में डोमिसाइल लागू नहीं है.

फॉर्म भरने का मौका दिया जाए’ : मुजफ्फरपुर से आए हुए पारा मेडिकल छात्र नीरज ने कहा कि वह 2021 बैच के हैं और उनकी मांग है कि उन्हें भी फॉर्म भरने का मौका दिया जाए. उनके बैच के हजारों छात्र सरकार की गलतियों के कारण फॉर्म भरने से वंचित हो रहे हैं, क्योंकि अभी तक उनका रिजल्ट नहीं आया है.

‘आगे होगा बड़ा आंदोलन’ : पारा मेडिकल संघ के कोषाध्यक्ष आशुतोष नंदन ने कहा कि वैकेंसी निकलने से पहले उन लोगों ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे को मिलकर ज्ञापन दिया था कि वैकेंसी जब भी आए तो उसमें डोमिसाइल का प्रावधान हो.

बिहार के छात्रों को दूसरे प्रदेश में डोमिसाइल के कारण नौकरी नहीं मिलती है. बिहार में जब वैकेंसी आती है तो डोमिसाइल नहीं लागू रहने के कारण दूसरे प्रदेश के अभ्यर्थी बिहार के छात्रों की जगह ले लेते हैं. अगर इस वैकेंसी में सरकार डोमिसाइल नहीं लागू करती है तो बड़ा आंदोलन होगा.

दरअसल, डोमिसाइल नीति एक सरकारी प्रावधान है. जो सरकारी नौकरियों, शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश या अन्य सरकारी लाभों के लिए राज्य के स्थायी निवासियों को प्राथमिकता या आरक्षण प्रदान करती है. इसका उद्देश्य राज्य के स्थानीय निवासियों के हितों की रक्षा करना और उन्हें अधिक अवसर प्रदान करना है.
बिहार में डोमिसाइल नीति को लेकर हाल के वर्षों में काफी विवाद और आंदोलन हुए हैं. विशेष रूप से शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में इस नीति के लागू करने की मांग को लेकर काफी आंदोलन हुए. पारा मेडिकल स्टूडेंट भी बहालियों में डोमिसाइल लागू करने की मांग कर रहे हैं. डोमिसाइल नीति को लागू करने की मांग को लेकर विभिन्न छात्र संगठन भी बिहार में कई दिनों से आंदोलनरत हैं. तमाम छात्र संगठनों की डिमांड है कि बिहार में एक मजबूत मिसाइल नीति लाई जाए जिसमें राज्य की सरकारी नौकरियों में 80 से 85 फीसदी सीटें राज्य के स्थानीय निवासियों के लिए आरक्षित की जाए.