बिहार के छपरा जिले 23 वर्षीय युवक मिथिलेश पायलट बनना चाहता था, लेकिन किसान परिवार का होने के कारण पायलट बनने का उसका सपना पूरा नहीं होता। उसके सपनों को पंख नहीं लग पाए, लेकिन उसने अपनी कार को ही पंख लगाकर हेलिकॉप्टर बना लिया। सात महीने की कठिन मेहनत के बाद पंख लगाकर हेलिकॉप्टर की डिजाइन में तैयार की गई यह कार इन दिनों आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
बनियापुर प्रखंड के सरमी गांव के 23 वर्षीय मिथिलेश कुमार प्रसाद ने पुरानी नैनो कार खरीदकर उसे ‘हेलीकॉप्टर’ बना दिया है। कार उड़ तो नहीं सकती, पर वह इसे लेकर जब सड़क पर निकलता है तो देखने वालों की भीड़ लग जाती है।
बचपन से था हेलीकॉप्टर उड़ाने का सपना
मिथिलेश प्रसाद और उनके भाई पाइप फिटिंग का काम करते हैं। मिथिलेश ने बताया कि बचपन से हेलीकॉप्टर उड़ाने का सपना मन में पल रहा था।

गांव के स्कूल से इंटर तक की पढ़ाई के बाद गुजरात में अपने भाइयों के साथ पाइप फिटर का काम करते हुए करीब सात माह तक उसने इसपर काम किया।
नैनो खरीदी और बना दिया हेलीकॉप्टर
नैनो खरीदी और अपने घर में उसकी बॉडी को हेलीकॉप्टर जैसी बनाकर उसमें मोटर लगाई। पीछे के शेप को भी हेलीकॉप्टर की तरह बनाकर उसमे लाइट आदि लगाई।
अब यह देखने में बिल्कुल हेलीकॉप्टर ही लगती है। मिथिलेश की गाड़ी जिस रास्ते से गुजरती है उसे देखने भीड़ उमड़ जाती है।
शादियों में दूल्हा-दुल्हन बैठाने के लिए होती मांग
वे बताते हैं कि कार को हेलीकॉप्टर का स्वरूप देने में उनके सात लाख रुपये खर्च हुए। सेकेंड हैंड नैनो खरीदकर उसे यह स्वरूप दिया। अब तो इसे शादी-ब्याह में दूल्हा-दुल्हन बैठाने के लिए लोग इसे मांगते हैं।
यह पूछने पर कि उन्होंने हेलीकॉप्टर की तकनीकी किससे सीखी, उसने बताया कि बचपन से उसे जहाज और हेलीकॉप्टर वाले खिलौने पसंद हैं। इन्हें खोलकर वह तकनीकी सीखता था। उसने कारनुमा हेलीकॉप्टर में कॉकपिट के साथ ही उन सभी लाइटों का इस्तेमाल किया है जो वास्तविक हेलीकॉप्टर में लगाई जाती हैं। बटन से इसके पंख घूमने लगते हैं।
इस हेलीकॉप्टर का इंटीरियर लोहे का बना है जबकि बाहरी हिस्सा एल्युमिनियम का है। उन्होंने टेल रोटर, मुख्य रोटर ब्लेड, टेल बूम, रोटर मास्ट और कॉकपिट भी बनाया है। मिथिलेश ने बताया कि इन सबके अलावा उन्होंने अपने हेलीकॉप्टर में ट्रिप लाइटें, आरजीबी रिमोट कंट्रोल लाइटें भी रोटार ब्लेड और टेल रोटार में लगाईं हैं।
source : jagran