#MUZAFFARPUR #BIHAR #INDIA : बा’ढ़ की त्रा’सदी ने उत्तर बिहार के मछली पालकों को त’बाह कर दिया है। सात जिलों में आए बा’ढ़ के सै’लाब में 13.11 करोड़ की मछलियां, नाव व जाल बह गए। राज्य सरकार को भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार, तिरहुत प्रमंडल के पांच जिलों में 7 करोड़ 78 लाख छह हजार रुपये की मछलियां बाढ़ बहा ले गई। दरभंगा प्रमंडल में 5 करोड़ 33 लाख 19 हजार रुपये का नु’कसान मछली पालकों को हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार, अकेले मुजफ्फरपुर में एक करोड़ 11 लाख 66 हजार रुपये की मछलियां बाढ़ की पानी में बह गईं। इस नुकसान का आंकड़ा अभी और बढ़ने की आशंका है। तालाब व जलकरों से पानी उतरने के बाद वास्तविक सर्वे रिपोर्ट आएगी। मछली पालकों के साथ सबसे भयावह स्थिति है कि आपदा राहत में मछली पालन शामिल ही नहीं है। नुकसान के बाद भी उन्हें बाढ़ क्षति मुआवजा नहीं मिलेगा। मछुआरे वर्षों से लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं कि मछली पालन को भी आपदा राहत में शामिल किया जाए, लेकिन अबतक राज्य सरकार मछली पालन को आ’पदा राहत में शामिल नहीं की है।

तिरहुत प्रमंडल के मत्स्य उप निदेशक देवेंद्र नायक के अनुसार, मछली पालकों को आपदा राहत नियमावली के अनुसार सिर्फ नाव व जाल की क्ष’ति का मुआवजा मिलता है। आपदा (जैसे बाढ़ व अकाल) से मछली को पहुंचे नुक’सान पर मछली पालकों को मुआवजा देने का प्रावधान नहीं है। हालांकि, राज्य सरकार को उप निदेशक कार्यालय से मछली पालकों के सभी नु’कसान की रिपोर्ट भेजी गई है। इसमें नाव व जाल बहने, मछली का बीज बहने व तालाबों में गाद भरने की रिपोर्ट भेजी गई है।
म’त्स्य विभाग के अनुसार तिरहुत प्रमंडल के वैशाली व दरभंगा प्रमंडल के समस्तीपुर जिले में बाढ़ सामान्य थी। इस कारण यहां के मछली पालकों को कोई खास नुकसान नहीं हुआ है। इस कारण इन उत्तर बिहार के इन जिलों की रिपोर्ट तैयार नहीं की गई है।

जिले का नाम मछली पालकों को हुआ नुकसान
मुजफ्फरपुर एक करोड़ 11 लाख 66 हजार
सीतामढ़ी एक करोड़ 79 लाख 25 हजार
पूर्वी चंपारण एक करोड़ 98 लाख दो हजार
पश्चिम चंपारण एक करोड़ 78 लाख 89 हजार
शिवहर एक करोड़ 10 लाख 24 हजार
दरभंगा दो करोड़ 71 लाख 36 हजार
मधुबनी दो करोड़ 61 लाख 83 हजार