स्वीडिश शोधकर्ताओं ने एक ऐसा संवेदी अंग खोजा है जो त्वचा में कोई भी तकलीफ होने पर तुरंत दर्द का एहसास करवाता है। शोधकर्ताओं ने जिस संवेदी अंग की खोज की है, वह असल में ग्लिया सेल्स और कई लेयर्स वाले प्रोट्यूशियंस से मिले सेल्स हैं जो त्वचा में एक ऑर्गन बनाते हैं। यह अंग दर्द के प्रति संवेदनशील नर्व सेल्स के आस-पास होता है और अपनी कई लेयर्स के कारण त्वचा की ऊपरी परत में फैल जाता है जिस कारण दर्द महसूस होता है।

यह खोज दर्द को लेकर लंबे समय से बनी पहेली के बारे में नई चीजें पता करने में मददगार रहेगी। यह खोज नई दर्द निवारक दवाओं के विकास में अहम रहेगी। मालूम हो कि आज के समय में हर पांच में से एक व्यक्ति शरीर के दर्द से परेशान रहता है और इसलिए नई पेनकिलर दवाओं की बेहद जरूरत है।

खोजा गया अंग पुराने से पुराने दर्द की वजह है
-स्टॉकहोम के कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर पैट्रिक अर्नफोर्स के मुताबिक, हमारे लिए सबसे बड़ा सवाल अब यह है कि क्या कई सेल्स से मिलकर बना यह अंग ही असल में पुराने से पुराने दर्द की वजह है। यह अंग एक तरह के श्वान सेल्स से मिलकर बना है जो नर्व सेल्स यानी तंत्रिका कोशिकाओं के आस-पास रहते हैं।
-पैट्रिक ने बताया कि उनके अध्ययन से पता चलता है कि दर्द के प्रति संवेदनशीलता केवल त्वचा के तंत्रिका तंतुओं में ही नहीं होती है। दर्द के लिए नया खोजा गया ऑर्गन भी जिम्मेदार होता है। यह रिसर्च शारीरिक संवेदना के कोशिकीय तंत्रों के बारे में हमारी समझ को बदल देती है। नई समझ के साथ अब और बेहतर दर्दनिवारक दवाओं का विकास किया जा सकता है। इस अध्ययन के नतीजे साइंस जर्नल में छपे हैं।
ऑक्टोपस जैसा आकार है
-ऑक्टोपस की शेप वाले ये सेल्स जब सक्रिय होते हैं तो नसों में एक तरह का इलेक्ट्रिकल फोर्स बनती है, जिसकी प्रतिक्रिया होने पर दर्द महसूस होता है। इस ऑर्गन को बनाने वाली कोशिकाओं को बाहर से नियंत्रित किया जा सकता है। इससे पता चलता है कि ये किस तरह किसी चुभन और दबाव का एहसास करती हैं। हमने शोध में दर्द का पता लगाने वाले ऑर्गन को ब्लॉक कर दिया और जाना कि इससे दर्द की संवेदना में काफी हद तक कमी महसूस की गई।


source: bhaskar