रिम्स के डॉक्टरों ने कहा कि झुमका गले में फं’सा हुआ है, बच्चे को कुछ भी खाने को ना दें, बल्कि पानी व दूध भी नहीं दें। लेकिन, डॉक्टर यह भूल गए कि इला’ज की तारीख मंगलवार को दी गई है और चार दिनों तक बच्चा भूखा कैसे रह पाएगा।परिजन ने बताया कि बार-बार आग्रह करने पर डॉक्टरों ने एनेस्थेसिया की कमी का कारण बताया, लेकिन कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं दिखाया गया।
इंतजार से तंग आकर परिजन ने बच्चे को मंगलवार को ही रिम्स से लेकर निकल गए।बच्चे को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने एक्स रे कर देख बताया कि झुमका गले से नीचे उतरकर छोटी आंत में आ गया है। यह अब दूरबीन से भी नहीं निकल सकता है।
इसे प्राकृतिक रास्ते से निकलने तक इंतजार करना होगा। डॉक्टर ने कहा कि बच्चे का हर दिन एक्स रे किया जा रहा है, ताकि झुमके का लोकेशन हर दिन पता चल सके। फिलहाल बच्चे को खाने-पीने में कोई पाबंदी नहीं की गई है और उसे निगरानी में रखा गया है।
