
MUZAFFARPUR (ARUN KUMAR) : जे’ल का नाम सुनते ही जहन में आता है एक ऐसा स्थान जहां किसी प्रकार की कोई सुख सु’विधा नहीं हो, आ’रोपी बं’दियों को उनके अपने घर व परिवारजनों से दूर रखा जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां अपरा’धियों को सु’धारा जाता है, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है. अपने र’सूख, ऊँची पहुँच और पैसे के बदौलत बं’दियों को सुख सुविधा की हर एक वस्तु जे’ल के अंदर मुहैया होने की ख’बरें बराबर मिलती रहती है.
मुजफ्फरपुर के चर्चित बालिका गृह यौ’न शो’षण मामले में मुजफ्फरपुर के शहीद खुदी राम बोस केंद्रीय जे’ल में बंद मुख्य आ’रोपी ब्रजेश ठाकुर को वीआईपी सुविधा दिए जाने और बार-बार कारा अस्प’ताल वार्ड में रखने का आ’रोप में गुरुवार को राज्य सरकार ने गृह विभाग को तत्कालीन का’रा अधीक्षक राजीव कुमार झा के खि’लाफ विभा’गीय जां’चोपरांत का’र्रवाई करने के आदेश पारित किये हैं.

इस सबंध में सकल्प पत्र जारी करते हुये कहा गया है की मुजफ्फरपुर के बालिका गृह यौन शोषण मामले के मुख्य आ’रोपी ब्रजेश ठाकुर को वीआईपी सुविधा देने और नियम के विरु”द्ध अनु’चित ढंग से बार-बार का’रा अस्प’ताल में रखने के आ’रोप में शहीद खुदी राम बोस केंद्रीय का’रा के तत्कालीन अधीक्षक राजीव कुमार झा के खि’लाफ वि’भागीय का’र्यवाही संचालित की जाये.

तत्कालीन कारा अधीक्षक राजीव कुमार झा पर आ’रोप है की जून 2018 में बालिका गृह मामले में जे’ल में बंद मुख्य आरो’पित ब्रजेश ठाकुर को अनु’चित लाभ पहुंचाने के प्रति’वेदित आरो’पों में उनके द्वारा गं’भीर लाप’रवाही एवं कर्तव्य के प्रति उदा’सीनता बर’ती गई है. उनके द्वारा किया गया यह कृ’त्य कारा हस्तक (जेल मैनुअल) एवं बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली के विहित प्राव’धानों के सर्वथा प्रति’कूल है.

मामलें में गृह विभाग ने तिरहुत प्रमण्डलीय आयुक्त को संचालन पदाधिकारी तथा सहायक कारा महानिरीक्षक (क्षेत्र) कारा एवं सुधार सेवाये, बिहार पटना रूपक कुमार को प्रस्तु’तिकरण पदाधिकारी नियुक्त किया है.

साथ ही तत्कालीन अधीक्षक पर आ’रोप हैं कि उन्होंने अपनी कर्त’व्य नि’र्वहन में ला’परवाही ब’रती है और स्व’तंत्रता दिवस के पूर्व गत् 11 अगस्त 2018 को मुजफ्फरपुर प्रशासन द्वारा डीएम, एसएसपी के नेतृत्व में जे’ल में की गई औ’चक छा’पेमारी के दौरान मुजफ्फरपुर के शहीद खुदीराम बोस केन्द्रीय का’रा मे की गई औ’चक छा’पेमारी के दौरान 12 मोबाईल, 04 चार्जर, 03 सिमकार्ड तथा भारी मात्रा में न’शीले व प्रतिबं’धित सामग्रियों समेत कई अन्य आप’त्तिजनक सामानों की बरा’मदगी की गई थी, जो जे’ल प्रशासन की सुर’क्षा व्यवस्था पर प्र’श्नचिह्न खड़े करता है, और चिं’ताजनक विषय है.

इस क्रम में का’रा में बंद बालिका गृह यौ’न शो’षण कां’ड के मुख्य आ’रोपी ब्रजेश ठाकुर की मुलाकाती अहाते में टहलते हुए पाए गए थे, जिसके बाद उसकी जां’च की गई. जाँ’च के दौरान उसके पास से कई काग़जात बरा’मद हुए थे, जिसमें दो पन्नों में क़रीब चालीस लोगों के नाम और मोबाइल नंबर मिले थे. उस छा’पेमारी के बाद ही प्रशासन ब्रजेश ठाकुर की बी’मारी को एक बहा’ना मान रही थी और उस पर शिकं’जा कसते हुए उसे पटियाला की जेल में स्था’नांतरित कर दिया गया था.

ऐसा यह पहली दफे नहीं है. जानकारी के अनुसार इससे पूर्व भी ऐसी खबरें आती रही हैं की बिहार की जे’लों में अपरा’धियों की मौ’ज है. ऐसा कोई भी कार्य नहीं की कै’दी जे’ल में रहते हुए नहीं कर सकते. अक्सर यह बात सामने आती रहती है कि जे’ल के अंदर से कै’दी फोन का इस्तेमाल करते हैं. इसकी जां’च को लेकर बराबर जे’लों में छा’पेमारी के विशेष अभि’यान चलाए जाते रहे हैं. रुटीन छा’पेमारी के दौरान जे’लों से मोबाइल फो’न भी बरा’मद होते रहे हैं. हालांकि स्मार्टफोन के इस्तेमाल की खबरें सामने कम ही आती हैं.

सिवान जेल में पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन का दर’बार सजता था तो कु’ख्यात गैं’गस्टर मुकेश पाठक की जे’ल में बंद गैं’गस्टर पत्नी पूजा प्रेगनेंट हो गई. जे’ल में बंद कु’ख्यातों द्वारा जे’ल के अंदर से ही अपने गिरो’हों का संचा’लन करने के भी कई मामले प्रकाश में आये हैं. जुलाई 2016 में मुजफ्फरपुर केंद्रीय का’रा में बंद कु’ख्यात टुल्लू सिंह द्वारा मुजफ्फरपुर जे’ल के अंदर से अपने फेसबुक पेज को अपडेट करने मामले में प्रशासन के हो’श उड़ गए थे. उसके फेसबुक फोटो में एके 56 की भी तस्वीर लगाई थी.

28 मई को नवादा जे’ल में बंद रजौली के टकुआटांड का रहने वाला कै’दी रोहित कुमार उर्फ धोनी उर्फ माही यादव के जे’ल से फेसबुक चलाने की बात सोशल मीडिया पर वाय’रल हुई थी. 18 मई को माहि यादव के अकॉउंट से विभिन्न मुद्राओं में कई फोटो पोस्ट की गई थी. जैसे ही यह बात सामने आते ही पूरे प्रशासनिक मह’कमे में खल’बली म’च गई थी.

सितंबर 2019 में छपरा मंडल का’रा में आप’राधिक मामले में बंद कै’दी आनंद ने जेल में अपना जन्मदिन मनाया. हैरानी की बात यह है कि बर्थडे पार्टी का न सिर्फ वीडियो बनाया गया, बल्कि इसे इंस्टाग्राम पर शेयर भी किया गया. बिहार में पिछले एक वर्ष से हर महीने पूरे राज्य की जे’लों में जिलाधिकारी, एसपी/एसएसपी, अनुमंडलाधिकारी के नेतृत्व में एकसाथ छा’पेमारी हो रही है. इसके बावजूद जे’लों से मोबाइल, प्रतिबं’धित सामग्रियां, नशी’ले पदार्थ और आप’त्तिजनक चीजें बरा’मद होती रही हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि जे’ल की सु’रक्षा व्यवस्था में लग रही सें’ध में कहीं न कहीं जेल प्रशासन की ला’परवाही या मिलीभ’गत का नतीजा है.
