#BIHAR #INDIA : बिहार सरकार के कर्मियों की सेवा संबंधी शिकायतों का निपटारा शीघ्र हो सकेगा। सेवा संबंधी शिकायतों की सुनवाई और उनके निपटारे के लिए बिहार प्रशासनिक न्यायाधिकरण का गठन सरकार करेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट की शनिवार को हुई बैठक में इसकी स्वीकृति दी गई।

बैठक के बाद कैबिनेट के प्रभारी अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि केंद्रीय अधिनियम 1985 के तहत बिहार प्रशासनिक न्यायाधिकरण का गठन किया जा रहा है। बिहार सरकार के कर्मियों के लिए यह होगा। कर्मियों को अपनी सेवा संबंधी मामलों के लिए सीधे उच्च न्यायालय में नहीं जाना होगा। न्यायाधिकरण में ही उनके मुकदमे सुने जाएंगे और उनका निपटारा किया जाएगा। यह भी कहा कि इस न्यायाधिकरण के गठन की अधिसूचना केंद्र सरकार जारी करेगी। इसके लिए राज्य सरकार शीघ्र ही केंद्र को आग्रह करेगी कि वह अधिसूचना निर्गत करे। इसके बाद बिहार में यह लागू कर दिया जाएगा। इससे एक तरफ कर्मियों की सेवा संबंधी शिकायतें तेज गति से निष्पादित होंगी तो दूसरी और उच्च न्यायालय में केस की संख्या में कमी आएगी।

74 विशेष न्यायालयों में नियुक्ति होंगे 666 कर्मी
शराबबंदी से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए गठित होने वाले विशेष न्यायालय में विभिन्न कोटियों के 666 अराजपत्रित पदों पर नियुक्ति होगी। कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी है। गौरतलब हो कि सिर्फ शराबबंदी से जुड़े केस की सुनवाई और उसके निष्पादन के लिए 74 विशेष न्यायालय (उत्पाद) का गठन किया जा रहा है। इसके लिए 74 अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीशों के पदों का सृजन पहले ही किया जा चुका है। इन न्यायाधीशों की सहायता के लिए 666 कर्मी नियुक्त होंगे। इसी प्रकार अपराध अनुसंधान विभाग में पुलिस अवर निरीक्षक के स्वीकृत 259 पदों में से 50 को समाप्त करने और 30 पुलिस निरीक्षकों के नये पदों के सृजन पर कैबिनेट ने स्वीकृति दी। शराबबंदी कानून को प्रभावी रूप से लागू करने के मकसद से यह निर्णय हुआ है।
