नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के बैंक घोटाले के बाद नजर आ रही है भारतीय ज्वैलर्स की बढ़ती मुश्किलें

नई दिल्ली । आभूषण कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के बैंक घोटाले के बाद भारतीय ज्वैलर्स की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। भारत में ज्वैलरी को एक्सपोर्ट करने वालों को इस बात की आशंका सताने लगी है कि खरीदार अब चीन और थाईलैंड के ज्वैलरी मार्केट का रुख कर सकते हैं।

कारण, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) को करीब 14,000 करोड़ रुपये का चूना लगाकर देश से फरार होने के बाद बैंक ज्वैलरी कारोबार में फूंक-फूंक कर कर्ज दे रहे हैं।

यही वजह है कि घोटाला सामने आने के बाद पिछले नौ महीनों के दौरान ज्वैलरी कारोबारियों को बिजनेस चलाने के लिए कर्ज की तंगी का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही जो कर्ज मिल रहा है, वह बेहद ऊंचे दरों पर मिल रहा है, जिससे उनके कारोबार पर असर पड़ रहा है।

पिछले ही हफ्ते नई दिल्ली स्थिति पीसी ज्वैलर ने साफ किया था कि वह इस चालू वित्त वर्ष के दौरान अपने एक्सपोर्ट में एक चौथाई की कटौती की योजना बना रहे हैं।

जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट्स प्रोमोशन काउंसिल के आंकड़ों के मुताबिक भारत का रत्नाभूषण निर्यात अक्टूबर के पहले के सात महीनों में करीब 2 फीसद तक टूट चुका है। भारत के कुल निर्यात में रत्नाभूषण की हिस्सेदारी करीब 16 फीसद है। इससे पहले मार्च तक इसमें 5 फीसद की गिरावट आ चुकी है।
न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग ने काउंसिल के वाइस चेयरमैन कोलिन शाह के हवाले से बताया है कि इस साल रत्नाभूषण के निर्यात में बढ़ोतरी नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि पीएनबी घोटाले के बाद बैंकिंग क्षेत्र के लिए इस पूरे कारोबार का परिदृश्य नकारात्मक हो चुका है।

एजेंसी ने शाह के हवाले से लिखा है, ‘इन दिनों बैंक प्रत्येक आवेदन और रिन्यूल आवेदन को गंभीरता से जांच और परख रहे हैं।’ कर्ज पाने में हो रही परेशान और कारोबारी दिक्कतों की वजह से अगली दो तिमाहियों में इस क्षेत्र से कई लोगों की नौकरियां जा सकती हैं और कारोबार चीन और थाईलैंड की तरफ शिफ्ट हो सकता है।

एजेंसी ने एशियन स्टार कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्ट विपुल शाह के हवाले से बताया है, ‘पूरी इंडस्ट्री के लिए अधिक मात्रा में पूंजी की जरूरत होती है और हमारे पास पहले से ही भंडार पड़ा हुआ है। अगर हमारी जरूरतें नहीं पूरी की गई तो पूरी इंडस्ट्री डिस्टर्ब हो सकती है।’ उन्होंने कहा कि नकदी की समस्या बनी रहेगी क्योंकि बैंकों का भरोसा हासिल करने में थोड़ा समय लग सकता है।

 

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Muzaffarpur News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading