भारत की सबसे पुरानी ट्रेन, जिसने पुरा किया 109 साल का लम्बा सफर।जानें कैसे

इस पंजाब मेल ट्रेन को 1 जून, 1912 में बल्लार्ड पियर से पेशावर के बीच शुरू किया गया था। आजादी के बाद इसका परीचालन फिरोजपुर कैंट से मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनल कर दिया गया। 108 साल पुरानी पंजाब मेल फिरोजपुर रेलवे डिवीजन की यह पहली रेलगाडी बन गयी है

नई दिल्ली. दुनिया में सबसे बड़े रेल नेटवर्क (Rail Network) में हमारा भारत का रेल नेटवर्क भी शामिल है. यह जितना बड़ा है उतनी ही इसका इतिहास भी. लेकिन क्या आपके मन में भी कभी सवाल आता है कि जिन ट्रेनों के नाम आप सुनते है उनमें से सबसे पुरानी कौन सी है. मिंट में छपी खबर के अनुसार भारतीय रेलवे (Indian Railway) की पुरानी रनिंग पैसेंजर ट्रेन पंजाब मेल (Punjab Mail) है जिसने अपने 109 साल का सफर पूरा किया वहीं एक जून से यह अपने 110 वें साल में प्रवेश कर जाएंगी. हालांकि फिलहाल कोविड 19 लॉकडाउन के चलते 22 मार्च 2020 से ट्रेन का संचालन अस्थायी रूप से बंद किया गया था जिसे एक मई को खोला गया था, लेकिन पंजाब मेल का सफर पिछले साल एक दिसंबर से शुरू है.

इस ट्रेन की बॉम्बे से पेशावर पंजाब के ओरिजन का होना साफ नहीं है. कॉस्ट एस्टिमेट पेपर सिरका 1911 और एक नाराज यात्री की शिकायत जो कि 12 अक्टूबर 1912 को ट्रेन के दिल्ली कुछ मिनट लेट आने के संदर्भ में की गई थी से यह अनुमान लगाया गया है पंजाब मेल ट्रेन एक जून, 1912 को शुरू हुई थी. बल्लार्ड पियर से पेशावर के बीच शुरू हुई यह ट्रेन आजादी के बाद से फिरोजपुर कैंट से मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनल के लिए चलती रही है. 108 साल पुरानी पंजाब मेल फिरोजपुर रेलवे डिवीजन की यह पहली रेलगाड़ी बन गई है.

फ्रंटियर मेल से 16 साल पुरानी है पंजाब मेल
पंजाब मेल लगभग 16 साल पुरानी है उससे अधिक ग्लैमरस फ्रंटियर मेल से. बैलार्ड पियर मोल स्टेशन वास्तव में जीआईपीआर सेवाओं का केंद्र था. पंजाब मेल या पंजाब लिमिटेड, जिसे उस समय कहा जाता था. शुरूआत करने के लिए पी एंड स्टीमर मेल में लाए जा रहे थे और राज के अधिकारी और उनकी पत्नियां भी साथ में थे. जिनकी औपनिवेशिक भारत में पहली पोस्टिंग थी. साउथेम्प्टन और बॉम्बे के बीच स्टीमर यात्रा तेरह दिनों तक चली. चूंकि ब्रिटिश अधिकारियों के पास बंबई की अपनी यात्रा के साथसाथ अपनी पोस्टिंग के स्थान तक ट्रेन से अपनी अंतर्देशीय यात्रा दोनों के टिकट थे, इसलिए वे उतरने के बाद मद्रास, कलकत्ता या दिल्ली के लिए जाने वाली ट्रेनों में से किसी एक पर सवार हो गए.

तब और अब में आया इतना अंतर

पंजाब लिमिटेड बंबई के बैलार्ड पियर मोल स्टेशन से जीआईपी मार्ग के माध्यम से पेशावर तक लगभग 47 घंटे में 2496 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए निर्धारित डाक दिनों पर चलती थी. ट्रेन में छह कारें शामिल थी जिसमें तीन यात्रियों के लिए और तीन डाक सामान और मेल के लिए. तीन यात्री ले जाने वाली कारों में केवल 96 यात्रियों को ले जाने की क्षमता थी. स्पार्कलिंग कारें सभी कॉरिडोर कार थी जिसमें प्रथम श्रेणी, दोहरे बर्थ डिब्बों से बनी थी. हाई क्लास के लिए खानपान की भी अच्छी व्यवस्था थी. उस वक्त भी उसमें शौचालय, बाथरूम और एक रेस्तरां कार और साहब के लगेज का अलग कंपार्टमेंट और उनके नौकर रहते थे. आज पंजाब मेल स्पेशल में एक एसी फस्ट क्लास कम एसी 2 टियर, दो एसी 2 टियर, छह एसी 3 टियर, छह स्लीपर क्लास, एक पेंट्री कार और पांच जनरल सेंकड क्लास कोचेस के साथ एक जनरेटर वैन रहती है.

इन 7 राज्यों को जोड़ती है पंजाब मेल
गौरतलब है कि पंजाब मेल ट्रेन देश के 7 राज्यों को आपस में जोड़ती है. यह ट्रेन पंजाब में फिरोजपुर कैंट जंक्शन से भटिंडा जंक्शन, हरियाणा के जींद जंक्शन, रोहतक, फरीदाबाद, दिल्ली के शकूरबस्ती, नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश के मथुरा जंक्शन, आगरा, राजस्थान के धौलपुर, मध्य प्रदेश के ग्वालियर, यूपी के झांसी जंक्शन, ललितपुर, एमपी के भोपाल जंक्शन, खंडवा जंक्शन और महाराष्ट्र भुसावल जंक्शन, नासिक, दादर सेंट्रल होती हुई मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनल पहुंचती है.

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