मुजफ्फरपुर : जागरुकता को बनाकर ढाल, मौसम पूछ रही होम आइसोलेशन में मरीजों का हाल

मुजफ्फरपुर / 01 जून। मौसम मणिका बिसनपुर चांद के आंगनबाड़ी केंद्र 214 की सेविका हैं। बच्चों से लगाव और समाज में कुछ करने की चाह ने उन्हें यहां तक तो ला दिया, पर 870 लोगों के दलित और महादलित बस्तियों में शिक्षा और पोषक की अलग जगाना आसान न था। वर्ष 2019 में जब मौसम ने अपना कार्य संभाला तब से वर्तमान तक में उस पोषक क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन देखने को मिला है। अब बच्चों के होठों पर अक्षर ज्ञान अभिभावकों के चेहरे पर संतोष लाने में सफ़ल होने के बाद वह अब कोरोना के खिलाफ़ लड़ाई को आसान बनाने में जुटी है। घर की दहलीज के बाहर खतरे को अनदेखा कर मौसम रोज दूसरों को खतरे से बाहर निकालने कोरोना पर जागरुक करने को निकल रही हैं।


350 लोगों का कराया वैक्सीनेशन
मौसम कहती हैं, ‘‘बच्चों को पोषण और शिक्षा देना हमारा प्राथमिक कार्य है। अभी जो हालात हैं उसमें हमारी भूमिका अहम हो जाती है। सबसे बड़ी बात है कि हमारी पहुंच घर -घर में है। हम पर लोगों का विश्वास पहले से है। जिससे कोराना सहित अन्य चीजों पर भी जागरुक करना आसान हो जाता है। बच्चों को टेक होम राशन पहुंचाना, कोरोना पर जागरुक करना हमारे रोज के रुटीन में शामिल है। मैं लोगों को मास्क लगाए नहीं देखती हूं तो टोकती भी हूं। इस वर्ष जनप्रतिनिधि विजय कुमार सिंह के सहयोग से हमने पूरे पोषक क्षेत्र में मास्क और सेनेटाइजेशन का कार्य किया। फील्ड भ्रमण के दौरान जहां भी गंदगी देखती हूं वहां सेनेटाईजेशन का कार्य करवाती हू। जब टीकाकरण की बारी आयी तो मैंने देखा कि पीएचसी पर जाकर टीकाकरण कराने में हमारे लोगों को परेशानी हो रही है। ऐसे में मणिका पंचायत में ही एक कैंप लगवाया और 350 लोगों का टीकाकरण करवाया। इसमें ज्यादातर बुजुर्ग और 45 से ऊपर के लोग भी शामिल थे’’।


जनप्रतिनिधि विजय कुमार सिंह कहते हैं कि कोविड टीकाकरण में मौसम का प्रयास काफी सराहणीय रहा है। कैंप के दिन इसने खुद 350 के करीब लोगों का रजिस्ट्रेशन किया। जिसमें से अधिकतर लोगों को टीका लग पाया।
होम आइसोलेट लोगों से लेती हैं हालचाल
मौसम कहती हैं कि उनके पोषक क्षेत्र में 30 लोग कोरोना पॉजिटीव होकर होम आइसोलेटेड हैं। उनलोगों को पीएचसी से लाकर मेडिकल किट पहुंचाती है। कभी घर जाकर तो कभी फोन से भी उनका हाल-चाल जानने की कोशिश करती हैं। आवश्यकता पड़ने पर पीएचसी से संपर्क कर उन्हें उचित चिकित्सकीय सहायता भी पहुंचायी है।

लॉकडाउन में बच्चों के घर करवाती हैं एक्टिवीटी
मौसम कहती हैं कोविड काल में जब आंगनबाड़ी बंद हैं तो बच्चों को अकेला नहीं छोड़ा जा सकता। ऐसे में उन्हें शब्द ज्ञान के साथ कुछ एक्टिवीटी भी कराना जरुरी था। ताकि उनका मानसिक विकास जारी रहे। इसी बहाने वहां पर भी लोगों को कोविड के प्रति जागरुक कर देती हूं। जिन बच्चों को मिट्टी के समान बनाने में रुची है उन्हें वह सिखाती हूं। जिन्हें डांस पसंद है उन्हें डांस भी सिखाती हूं। वहीं टेक होम राशन भी पहुचाती हूं ताकि उनका पोषण मिलता रहे।

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