पटना के फुलवारीशरीफ के राजकीयकृत उच्च विद्यालय में वैक्सीन सेंटर पर उस समय अफरातफरी का माहौल बन गया है, जब वैक्सीन दिलाने वाले लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। भीड़ के कारण सभी नियम कानून ताक पर नजर आए । वैक्सीन सेंटर पर थर्मल स्क्रीनिंग, सैनिटाइजिंग को कौन कहे। वहां वैक्सीन दिलाने वाले महिला पुरुष के अलावा वैक्सीन पर काम कर रहे वर्कर्स भी पानी के लिए तरसते नजर आए।
लाइट और ब्लब की भी कमी
यहां सुबह से ही वैक्सीन दिलाने वाले लोगों की लंबी-लंबी कतारें देखी गई । दोपहर 12:00 बजे के बाद यहां अचानक भीड़ उमड़ पड़ी । वैक्सीन दिलाने वाले भीड़ के कारण सभी नियम-कानून ताक पर नजर आए । लोगों को लाइन में लगाने की जिम्मेवारी गार्ड को दी गई थी। वह भी बेबस और लाचार नजर आ रहे थे । सबसे बड़ी बात तो यह है कि वैक्सीन सेंटर पर कमरे के अंदर एक भी लाइट या बल्ब नहीं जल रही थी । मजबूरी बस वहां वैक्सीन दे रहे वर्कर्स किसी तरह अपने कार्य का निर्वहन कर रहे थे ।

डॉक्टर की टीम भी गायब
वैक्सीन देने के बाद जिस तरह लोगों को 20 से 25 मिनट तक उनकी स्थिति को देखने के लिए अलग रूम की व्यवस्था की गई थी। वहां भी रोशनी और पानी कहीं नजर नहीं आया । लापरवाही का आलम यह रहा कि वैक्सीन सेंटर के पास वैक्सीनेशन के बाद लोगों की स्थिति को जानने के लिए एक भी डॉक्टर की टीम नजर नहीं आई । हालांकि मेडिकल मेडिकल मैनेजर ने यह दावा किया है कि तीन महिला डॉक्टरों की टीम को वैक्सिंन सेंटर पर लगाया गया है।
वैक्सीनेशन की खुली पोल
दैनिक भास्कर की टीम ने जब उन डॉक्टरों की पड़ताल की तो वह कहीं नजर नहीं आए । मेडिकल मैनेजर से जब यह पूछा गया कि थर्मल स्क्रीनिंग रोशनी पानी और सैनिटाइजिंग की व्यवस्था यहां कहीं नजर नहीं आ रही है। इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि भीड़ काफी हो जाने की वजह से कुछ व्यवस्थाओं में कमी आई है । कुल मिला जुला कर देखा जाए तो फुलवारी शरीफ के हाई स्कूल वैक्सीन सेंटर पर स्वास्थ्य विभाग के वैक्सीनेशन की पोल खुलती नजर आई ।