साल 2019 अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए रहेगा काफी खास, दिखेंगे तीन सुपरमून, भूकंप-प्रकोप और युद्ध के बनेंगे योग

भोपाल। साल 2019 अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए काफी खास रहेगा। नए साल में लगातार तीन सुपरमून दिखेंगे। साथ ही 60 साल बाद 26 दिसंबर को सूर्य, चंद्र, बुध, गुरु, शनि और केतु धनु राशि पर विराजमान रहेंगे। विशेषज्ञों के मुताबिक इस दौरान धरती पर भूकंप, प्राकृतिक प्रकोप और युद्ध के योग बनेंगे। जब भारत और चीन के साथ युद्ध हुआ था, तब भी यह योग बना था। राजनीतिक गतिविधियां तेज होंगी। लोगों को पृथ्वी के उपग्रह चंद्रमा को काफी नजदीक से देखने का मौका मिलेगा।

इस तरह होंगी घटनाएं
सुपरमून के दौरान चंद्रमा पृथ्वी से 3,61,740 किमी या उससे कम दूरी पर आ जाता है। बाकी दिनों में चंद्रमा की दूरी 4 लाख किमी या अधिक होती है। पूर्व दिशा में सूर्यास्त के तुरंत बाद चंद्रमा को देखा जा सकेगा। इस दौरान चंद्रमा अत्यधिक चमकदार दिखेगा। खगोलविदों के मुताबिक, नए साल में चंद्रमा का आकार अधिक बड़ा और 30 प्रतिशत ज्यादा चमकदार होगा। पूर्णिमा के कारण भी इसका आकार काफी बड़ा दिखाई देगा। 21 जनवरी, 19 फरवरी और 21 मार्च को सुपरमून विज्ञान संचारिका सारिका घार के मुताबिक 21 जनवरी, 19 फरवरी और 21 मार्च 2019 को दिखने वाले सुपरमून का आकार अन्य दिनों की तुलना में काफी बड़ा होगा।

क्या होता है सुपरमून
खगोल विज्ञान में पृथ्वी के सबसे करीब रहने वाले चंद्रमा को सुपरमून कहा जाता है। इस स्थिति में सूर्य की किरणें चंद्रमा पर सीधी पड़ती हैं। जब चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर अंडाकार पाथ में लगता है, तो यह पेरीजी घटना कहलाती है। जब पूर्णिमा और पेरीजी घटना साथ-साथ घटती है, तो यह सुपरमून के रूप में दिखाई देती है। इस सदी में 3,56,500 किमी से कम दूरी का सुपरमून देखने के लिए 25 नवंबर 2034 का इंतजार करना होगा। इस सदी का सबसे नजदीकी सुपरमून 6 दिसंबर 2052 को होगा। जिसमें चंद्रमा की दूरी 3,56,425 किमी रह जाएगी।
पड़ेगा आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव
चंद्रमा भौतिक सुख-साधन भोग का प्रतीक माना गया है। देश में सकारात्मक आर्थिक हलचल देखने को मिलेगी। सोना और ज्वेलरी आइटम की खरीदी बढ़ेगी। देश में राजनीतिक उथल-पुथल देखने मिल सकती है। मौजूद सरकार देश हित में कड़े कदम उठाएगी। जो दूरगामी होंगे। फिल्म इंडस्ट्री में बूम आएगा। बड़ी फिल्में रिलीज होंगी। सांस्कृतिक और सामाजिक प्रभाव चंद्रमा सभी ग्रहों का दर्पण कहलाता है। धरती के ज्यादा पास आने पर लोग सामाजिक स्तर पर ज्यादा भावुक दिखाई देंगे। सुपरमून की घटना के कारण सांस्कृतिक प्रभाव भी देखने मिलेगा।

कब कितने पास
चंद्रमा और पृथ्वी 21 जनवरी 2019 को चंद्रमा की दूरी 3,57,715 किमी 19 फरवरी 2019 को चंद्रमा की दूरी 3,56,846 किमी 21 मार्च 2019 को चंद्रमा की दूरी 3,60,772 किमी 25 नवंबर 2034 को चंद्रमा और पृथ्वी के केंद्र की दूरी 3,56,445 किमी होगी।

रीजनल साइंस सेंटर के प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर प्रबल राय ने कहा कि टेलीस्कोप की व्यवस्था नए साल में तीन सुपरमून देखे जा सकेंगे। यह बड़ा और ज्यादा चमकीला सुपरमून होगा, जो कि एक यादगार अनुभव होगा। घटना को देखने के लिए हम खास तैयारी करने की योजना बना रहे हैं। वैसे टेलीस्कोप की व्यवस्था तो रहेगी ही।
सुपरमून लाता है सुनामी
ज्योतिषषाचार्य पंडित विनोद गौतम का कहना है कि सुपरमून सुनामी लाता है और लोगों के सोचने की क्षमता बढ़ जाती है। चंद्रमा जलीय ग्रह है। सुपरमून का दिखना एक खगोलीय घटना है, चंद्रमा के दूर और पास आने के कारण पृथ्वी पर कई बदलाव होते हैं। जीवधारियों की गतिविधियां चंद्रमा से प्रभावित होती हैं।

 

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