पटना : बेल्ट्रॉन की ओर से आउट सोर्स किये गये संविदाकर्मियों के लिए खुशखबरी है. राज्य सरकार के विभिन्न विभागों, कार्यालयों में संविदा पर नियोजित प्रोग्रामरों, स्टेनोग्राफरों, आईटी ब्वॉय, आईटी गर्ल्स की सेवा अवधि के दौरान अगर मृत्यु होती है तो उनके परिजनों को सरकार चार लाख रुपये अनुग्रह राशि के रूप में देगी. सरकार का मानना है कि इससे परिजनों को आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ेगा. सूचना प्रावैधिकी विभाग के प्रस्ताव को मंगलवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में मंजूरी दी गयी.
एलोपैथ की तर्ज पर आयुष चिकित्सकों को सुविधाएं
संविदा के आधार पर नियोजित आयुष चिकित्सकों (एनआरएचएम एवं आरबीएसके) को एलोपैथ चिकित्सकों की तर्ज पर सुविधाएं मिलेंगी. स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी. प्रस्ताव के अनुसार, आयुष के संस्थानों में स्वीकृत बल के विरुद्ध नियोजित संविदा के चिकित्सकों एवं चिकित्सक शिक्षकों को भी एलोपैथ प्रक्षेत्र में मिल रहे चिकित्सकों एवं चिकित्सक शिक्षकों के मानदेय के समान मानदेय स्वीकृत किया गया है.
मंडल काराओं के लिए 18 दंत चिकित्सकों का पद : कारा चिकित्सा सेवा को सुदृढ़ बनाने के लिए गृह विभाग के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दी है. प्रस्ताव के अनुसार, राज्य की 18 मंडल काराओं में पूर्व से स्वीकृत अनुबंध आधारित विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद को प्रत्यर्पित कर संविदा आधारित 18 दंत चिकित्सकों के पद की स्वीकृति दी गयी है.
न्यायालयों के लिए भी पदों का सृजन : बिहार राज्य के सात नव सृजित जिलों में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के लिए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोटि के पूर्णकालिक सचिव के कार्यालय एवं स्थायी लोक अदालत के संचालन के लिए वर्ग तीन एवं वर्ग चार कोटि के अराजपत्रित पदों का सृजन किया गया है.
शिवहर, किशनगंज, बांका, सुपौल, अररिया, शेखपुरा तथा लखीसराय जिलों के लिए पदों का सृजन किया गया है. उच्च न्यायालय पटना की स्थापना में तकनीकी पृष्ठभूमि रखने वाले पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों की संविदा पर नियुक्ति के लिए अस्थायी रूप से 18 विभिन्न पदों का सृजन किया गया है. उच्च न्यायालय पटना की स्थापना में विभिन्न राजपत्रित एवं अराजपत्रित कोर्ट के 11 पदों का सृजन किया गया है. बिहार न्यायिक अकादमी, गायघाट, पटना के लिए कंप्यूटर असिस्टेंट कम सिस्टम ऑफिसर के एक तथा डाटा इंट्री ऑपरेटर कम सिस्टम असिस्टेंट के दो पदों के सृजन को स्वीकृति दी गयी है.
भूमि विवाद में अायेगी कमी, अन्य राज्यों के लिए भी होगा मॉडल
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अधिकतर आपराधिक घटनाओं के पीछे जमीन या संपत्ति विवाद कारण होता है. अधिक राशि लगने के डर से पारिवारिक संपत्ति की रजिस्ट्री नहीं होती, जो बाद में चल कर बड़े विवाद का कारण बन जाती है. बंटवारा आधिकारिक प्रक्रिया अपनाकर हुआ तो विवाद भी कम होगा. यह बिहार की तरफ से देश के अन्य राज्यों के लिए एक नया मॉडल भी होगा.