बिहार के भागलपुर में पाक्सो मामले को लेकर अदालत ने एक बड़ा फैसला लिया है। यहां रे,प से जुड़े मामले में आरोपित के मां-बांप को भी दोषी करार दिया गया है। न्यायाधीश आनंद कुमार सिंह की अदालत ने जु,र्म करने के समय नाबालिग रहे आ’रोपित के मां-बाप को दो’षी करार दिया है। इस केस में अब जज ने आरोपित के पिता और मां को सजा सुनाने की तिथि नौ दिसंबर तय की है। दरअसल, यह मामला जिले के बाथ थाना क्षेत्र का है। रे,प से जुड़े इसे केस में आरोपित ने छात्रा को धोखे से अपने घर बुलाया था और उसे अपने कब्जे में रखने के बाद अपने साथ लेकर दिल्ली भी चला गया था। इस दौरान लड़की के साथ दु’ष्कर्म भी किया गया। दु’ष्कर्म की इस घटना को लेकर अदालत ने ये माना है कि बेटे की इस घिनौनी करतूत में मां-बाप का भी पूरा सहयोग था।
पांच साल पहले यानी 2016 में हुए दु’ष्कर्म की मामले में आरोपित के मां-बाप को भी नामजद बनाया गया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने इस मामले में दोनों को मु’जरिम करार दिया। सरकार की तरफ से इस मामले की सुनवाई के लिए विशेष लोक अभियोजक शंकर जयकिशन मंडल बहस के लिए मौजूद रहे। दु’ष्कर्म के इस केस में आरोपित की सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड में स्थानांतरित हो चुकी थी।
दु’ष्कर्म के आरोपित के नामजद मां-बाप का ट्रायल पाक्सो की विशेष न्यायालय में चला था जिसके बाद दोनों को अदालत ने दो’षी माना। अदालत ने इस केस में ये माना है कि जब आ’रोपित लड़की को धो’खे में रखकर अपने घर लाया तो इसकी जानकारी उसके मां-बाप को थी लेकिन उन्होंने अपने बेटे को इसे लेकर मना नहीं किया बल्कि पीड़िता को ही ध’मकाया और फटकार लगाई।
सितंबर 2016 को इस घटना के बाद लड़की किसी तरह आ’रोपित के चंगुल से बाहर भागी थी और अपने पिता को फोन किया था जिसके बाद घरवाले लड़की के पास पहुंचे और उसे वापस बाथ स्थित अपने घर लेकर आए थे। इसको लेकर के’स दर्ज कराया गया था। रे’प के इस केस में आ’रोपित छोटू कुमार और उसके पिता सुभाष मंडल और मां संयुक्ता देवी को नामजद किया गया था।