
BHAGALPUR : बिहार के चर्चित सृजन घोटाले में सीबीआई की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. भागलपुर के पूर्व डीआईजी व वर्तमान में पटना के आईजी (आधुनिकीकरण) अमित कुमार जैन और उनके एक रिश्तेदार के खाते में सृजन के खाते से 27 लाख रुपए डाले गए थे। आईजी जैन के अलावा भागलपुर के तत्कालीन जिला कल्याण पदाधिकारी अरुण कुमार की पत्नी इंदू गुप्ता, नाजिर महेश मंडल और पीरपैंती के बीडीओ चंद्रशेखर झा के बैंक खाते में भी लाखों रुपए आरटीजीएस के जरिए डाले गए।

सूत्रों के मुताबिक घोटाले में साथ देने वाले अफसरों के निवेश पर सृजन दस फीसदी ब्याज देता था। आपीएस अफसर अमित जैन व मसाला का कारोबार करने वाले उनके एक रिश्तेदार ने घोटाले के खुलासे से पहले ही अपने 27 लाख रुपए आरटीएस के जरिए सृजन से वापस ले लिए। रिपोर्ट के मुताबिक, 11 अप्रैल 2017 को अमित कुमार जैन के खाता संख्या 0095104000092108 में आरटीजीएस टोकन नंबर बीएआरबीएच 17101807482 से छह लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे। सृजन के इसी अकाउंट से 12 अप्रैल 2017 को भी नौ लाख रुपये आरटीजीएस टोकन नंबर बीएआरबीएच 17102776895 से इसी खाते में ट्रांसफर हुए थे।

मनोरमा की मौत 14 फरवरी 2017 में होने के बाद अफसरों को लगा कि उनका पैसा डूब जाएगा। इसीलिए घोटाले के खुलासे 8 अगस्त 2017 से पहले ही उन्होंने पैसे वापस ले लिए। सीबीआई की जांच रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2017 में आईपीएस अमित जैन के खाते में दो बार में 15 लाख रुपए आरटीजीएस किये गए थे। कल्याण पदाधिकारी की पत्नी इंदू गुप्ता ने भी घोटाले के पर्दाफाश होने से पहले ही 1.20 करोड़ रुपए सृजन से अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिए थे। नाजिर महेश मंडल ने 30 लाख रुपए व पीरपैंती के बीडीओ चंदशेखर ने 1.20 लाख वापस लिए। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, अमित के रिश्तेदार राजेश जैन के खाता संख्या 12072191006654 में 24 अप्रैल 2017 को आरटीजीएस टोकन नंबर बीएआरबीएच 17114857531 से छह लाख रुपये और 8 मई को भी इसी अकाउंट से छह लाख रुपये आरटीजीएस टोकन नंबर बीएआरबीएच 17128755461 से ट्रांसफर किए गए थे।
अमित जैन के रिश्तेदार राजेश जैन भी दो बार 6-6 लाख रुपए यानी 12 लाख रुपए पाए थे। यह रकम आरटीजीएस से ट्रांसफर की गई थी। रिपोर्ट में स्पष्ट है कि भागलपुर के पूर्व डीआईजी अमित कुमार जैन के रिश्तेदार राजेश जैन डीआईजी के ब्रोकर के रूप में काम करते थे। राजेश जैन कोतवाली चौक पर मसाले का कारोबार करते हैं।