मुजफ्फरपुर। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में अतिथि शिक्षकों के नवीकरण में ग’ड़बड़ी उ’जागर हुई है। नियम को ताक पर रखकर कई अतिथि शिक्षकों की सेवा नवीकरण कर दिया गया है।
स्क्रूटनी कमेटी में शामिल विवि के ही एक कर्मचारी की पत्नी का दर्शनशास्त्र में सेवा नवीकरण किया गया है। आवेदन के साथ उनकी डीडी समय से नहीं पहुंची थी। विवि में पैठ होने के कारण उनकी दूसरी डीडी जमा कर ली गई।
वहीं राजनीति विज्ञान में राजीव रंजन नाम के एक अभ्यर्थी का आवेदन यह कारण बताते हुए रद कर दिया गया कि उन्होंने समय से डीडी नहीं जमा कराया था। छात्र नेताओं ने इस मामले को लेकर विरोध शुरू कर दिया है।
उनका कहना है कि किसी अभ्यर्थी के स्वजन को स्क्रूटिनी कमेटी में नहीं रखा जा सकता। ऐसे में विवि की ओर से बड़ी लापरवाही बरती गई है। कर्मचारी ने मनमाने तरीके से अपनी पत्नी का आवेदन स्वीकृत कराया है।
बता दें कि अतिथि शिक्षकों के सेवा नवीकरण में कई अभ्यर्थियों की ओर से एक से अधिक जगह सेवा देने की शिकायत मिली थी। इसमें जांच कर दूसरे संस्थान से अभ्यर्थियों को लाभ नहीं लेने का शपथपत्र देने के बाद उनकी सेवा नवीकरण की गई थी।
इसके बाद कुछ और अतिथि शिक्षकों की सेवा नवीकरण की गई। इसी में कर्मचारी ने नियम विरुद्ध अपनी पत्नी की सेवा का नवीकरण करवा दिया। फिलासफी विभाग में कुल 13 अभ्यर्थी योग्य थे। इसमें 50 प्रतिशत सीटों पर आरक्षण रोस्टर का पालन कर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति करनी थी।
इस विषय में सात अतिथि शिक्षकों को आरक्षण कोटि में नियुक्त कर दिया गया है। इसपर भी सवाल उठ रहा है। बीआरएबीयू के कुलसचिव डा.आरके ठाकुर ने कहा है कि एक अभ्यर्थी की डीडी समय से नहीं पहुंचने पर उसे बाद में जमा करने की शिकायत मिली है।
स्क्रूटनी कमेटी में कर्मचारी के होने और उसकी पत्नी की नियुक्ति की जांच की जाएगी। मामला सही पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

