ग्रामीण परिवेश में पले-बढ़े गरीब किसान के बेटे शराफत आलम ने सूबे में इंटर कला की परीक्षा में पांचवा रैंक लाकर दिखा दिया कि प्रतिभा केवल बड़े शहरों में नहीं मिलते। मौका मिले तो गांव के बच्चे भी अपनी प्रतिभा का परचम लहरा सकते हैं।

पलासी प्रखंड के फरसाडांगी निवासी अररिया कॉलेज के छात्र शराफत ने बताया कि 2020 में पलासी प्रखंड के हाईस्कूल उरलाहा से उसने 76.4 प्रतिशत अंक मैट्रिक की परीक्षा पास की। इसके बाद वे अररिया कॉलेज में अपना एडमिशन कराया।
लेकिन वे जोकीहाट में रहकर ही अपनी पढ़ाई करते थे। बताया कि उनके पिता अब्दुल कदिर एक छोटे किसान हैं जबकि अम्मी परवीण खातून गृहिणी। शराफत औसतन प्रतिदिन दस घंटे पढ़ाई करते थे। इंटर में उनका विषय इतिहास, राजनीतिक शास्त्र, भूगोल, हिन्दी व उर्दू था।

वे पढ़ लिखकर सिविल सेवा में जाना चाहते हैं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता का आशीर्वाद व शिक्षकों के मार्गदर्शन को दिया। बताया कि जोकीहाट के द कांसेप्ट क्लास से उन्हें काफी फायदा हुआ।

इधर शराफत के पिता अब्दुल कदिर व मां परवीण खातून ने बताया कि उनका बेटा शुरू से ही मेधावी रहा है। जो ठान लेता था उसे पूरा करके ही दम लेता था। आज पूरे गांव के लोग खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं।
अररिया कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अशोक पाठक ने बताया कि शराफत कुशाग्र बुद्धि का छात्र था। उनके न केवल कॉलेज बल्कि जिलेवासियों को भी काफी उम्मीदें हैं।