बिहार दिवस के मौके पर पटना के गांधी मैदान में आयोजित समारोह पर सवाल अब खड़े हो रहे हैं। मंगलवार को बिहार दिवस समारोह के दौरान बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह को मंच पर और नीचे वीवीआईपी दीर्घा में जगह नहीं मिलने के बाद उनके नाराज होकर गांधी मैदान से निकल जाने की घटना ने तूल पकड़ लिया है।

बुधवार को विधान परिषद की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि सभापति को मंच पर जगह नहीं मिलना खेदजनक है।

उन्होंने कहा कि अफसोस कि बात यह है कि मंच के साथ नीचे लगे वीवीआईपी गैलरी में भी सभापति को जगह नहीं मिली। जब सभापति को ही सम्मान नहीं मिलेगा तो आम विधायकों को कैसे सम्मान मिलेगा। प्रेमचंद्र मिश्रा के बाद अन्य एमएलसी ने भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि बिहार दिवस समारोह में विधायकों के लिए पानी तक की व्यवस्था नहीं थी। जबकि अधिकारियों के परिवार के लिए हर सुविधा उपलब्ध थी।

बिहार दिवस समारोह में व्यवस्था पर उठ रहे सवालों पर बीजेपी के एमएलसी नवल किशोर यादव ने तंज कसते हुए इसे बंदर भालू का नाच बता डाला. उन्होंने कहा कि मैं बिहार दिवस समारोह में जाता ही नहीं क्योंकि यह बंदर भालू का नाच हो गया है। जिसे अपनी बेइज्जती करानी होती है वो जाता है, और जिसे इज्जत बचानी है वो दूर ही रहता है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अधिकारी प्रोटोकॉल का कोई पालन नहीं करते। जिस राजनीतिक मंच पर अधिकारी बैठे हों, और राजनीतिक लोग अधिकारियों के पैर के नीचे बैठे हों उससे बड़ी गलती कुछ नहीं हो सकती।
