पटना। नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री मुकेश सहनी की वीआईपी के तीनों विधायक भाजपा में शामिल हो गए। तीनों विधायकों राजू सिंह, मिश्रीलाल यादव व स्वर्णा सिंह ने भाजपा अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल, उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद व रेणु देवी संग विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा से उनके कक्ष में मुलाकात कर भाजपा को समर्थन देने का पत्र सौंपा।
उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा विधायक दल में तीनों के विलय की मान्यता दे दी। वीआईपी विधायकों के विलय के साथ ही भाजपा पहली बार बिहार में सबसे अधिक विधायकों वाली पार्टी बन गई है। इस घटनाक्रम से वीआईपी प्रमुख और पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी को तगड़ा झटका लगा है। उनके पास अब मंत्री पद से इस्तीफा देने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।

सहनी के लिए अगला झटका जुलाई में इंतजार कर रहा है। उन्हें एमएलसी के पद से भी हाथ धोना पड़ सकता है। आपको बता दें कि मुकेश सहनी जिस उपचुनाव में एमएलसी बनाए गए थे, उसकी समय सीमा जुलाई 2022 तक ही शेष है। विधानसभा अध्यक्ष को समर्थन पत्र सौंपने तथा वहां चली लंबी बैठक के बाद तीनों विधायक, पार्टी के शीर्ष नेताओं संग भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंचे। उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल और दोनों उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी के समक्ष पार्टी की सदस्यता भी ग्रहण कर ली।
मालूम हो कि वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए में शामिल वीआईपी के चार उम्मीदवार विजयी हुए थे। इनमें अलीनगर से मिश्रीलाल यादव, गौराबौराम से स्वर्णा सिंह, साहेबगंज से राजू सिंह और बोचहां से मुसाफिर पासवान जीते थे। मुसाफिर पासवान की मृत्यु के बाद बोचहां में 12 अप्रैल को उपचुनाव है।
तीनों विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के कक्ष में उनसे मुलाकात कर भाजपा विधायक दल के सदस्य के रूप में मान्यता देने का अनुरोध किया। भाजपा विधायक दल के नेता और उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने भी विलय के लिए अपनी सहमति की सूचना दी। इसको देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने तीनों विधायकों को भजपा विधायक दल में विलय की मान्यता प्रदान कर दी है।
इसके बाद विधानसभा के सचिव ने 23 मार्च, 2022 के प्रभाव से तीनों के भाजपा विधायक दल के सदस्य के रूप में मान्यता की अधिसूचना जारी कर दी। विधानसभा की अब दलगत स्थिति : भाजपा : 77, राजद : 75, जदयू :45, कांग्रेस : 19, माले :12, एआईएमआईएम : 05, हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा : 04, सीपीएम : 02, सीपीआई :02, निर्दलीय (जदयू को समर्थन) : 01, रिक्त : 01 ।
