लगातार बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल के दाम से बिहार में अलग ही संकट, सौ से अधिक पेट्रोल पंप पर लटके ताले

रूस-यूक्रेन लड़ाई की मार अब बिहार पर भी पड़ने लगी है। वैश्विक स्तर पर पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति बाधित होने के कारण बिहार में सौ से अधिक पेट्रोल पंप पर ताले लटक गए हैं। इनमें रूसी कंपनी नायरा इनर्जी के अलावा रिलांयस और बीपीसीएल के कई पेट्रोल पंप भी शामिल हैं। दिन प्रतिदिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों में उछाल और बाजार की प्रतिस्पर्धा के कारण कंपनियों ने घाटे से बचने के लिए आपूर्ति बंद कर दी है। इस वजह से पंप मालिकों के साथ सैकड़ों कर्मियों के सामने बेरोजगारी का संकट अचानक गहरा गया है। यही नहीं, किसानों को डीजल के चक्कर लगा पड़ रहा है।

गौरतलब है कि बिहार में नायरा इनर्जी की करीब 80 पेट्रोल पंप हफ्ते भर से बंद हैं। इसी तरह रिलांयस के भी करीब 40 पंप पर डीजल और पेट्रोल नहीं मिल रहा है। यही नहीं, भारत सरकार नवरत्न कंपनियों में शुमार भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्‍तान पेट्रोलियम के कई पंप पर पेट्रोल-डीजल नहीं मिल रहा है।

पेट्रोल पंप मालिकों का कहना है कि पांच दिनों के अंदर चार रुपये से अधिक पेट्रोल की कीमत में वृद्धि हुई है। वहीं, कंपनियों को प्रति लीटर पेट्रोल बेचने पर 12-15 रुपये का नुकसान हो रहा है। नायरा का पेट्रोल और डीजल पांच दिनों 4.70 रुपये मंहगा हुआ है। वहीं सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की पेट्रोल डीजल 3.70 पैसे ज्यादा महंगा हुआ है।

बिहार में करीब करीब सभी पंप पर बरौनी रिफाइनरी से पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति होती है। कीमत में तेजी से वृद्धि के कारण कंपनी के डीलरों को तेल नहीं मिल रहा है। कई-कई दिनों से रिफाइनरी में टैंकर खड़े हैं। दूसरी तरफ पेट्रोल पंप पर स्टाफ को बैठाकर वेतन भुगतान करना पड़ रहा है। पंप मालिकों का कहना है कि कीमत में भारी इजाफा हुआ है। इससे तेल कंपनियों को नुकसान हो रहा है।

इससे एक बार फिर देश में रिलायंस इंडस्ट्रीज के पेट्रोल पंप बंद होने का खतरा पैदा हो गया है। इससे पहले 2008 में भी कंपनी ने कच्चे तेल की कीमत बढ़ने के बाद अपने सभी पेट्रोल पंप बंद कर दिए थे। डीलरों को आशंका है कि एक बार फिर ऐसा हो सकता है। पंप मालिकों का कहना है कि कोरोना महामारी के कारण उनकी हालत पहले से ही खराब थी और अब पेट्रोल पंप के बंद होने की आशंका से उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं।

पेट्रोलियम कारोबारियों के अनुसार डीजल की कीमत में 13 से 25 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हो सकती है। इसी तरह पेट्रोल की कीमत में 10 से 22 रुपये कीमत बढऩे की आशंका है। पेट्रोल-डीजल की कीमत में जब आखिरी बार बदलाव हुआ था तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत करीब 82 डालर प्रति बैरल थी जो अभी 120 डालर के आसपास है

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