मोतिहारी। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित बिहार का एक छोटा सा गांव घोड़ासहन राष्ट्रीय स्तर पर श’टरकटवा गिरोह के गांव के लिए जाना जाता है। इस गांव के करीब 250 से अधिक युवा देश के कोने-कोने में श’टर काटने वाले गिरोह के हिस्सा हैं।
देश के 23 राज्यों की पुलिस उनकी तालाश कर रही है। इन युवाओं को दुकान व घरों के शटर काटने में महारत हासिल है। पलक झपकते ही ये चोरी की घटनाओं को अंजाम देकर गायब हो जाते हैं।
बताया जाता है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में 1763 घरों व दुकानों में उन्होंने घटना को अंजाम दिया है। उनके खिलाफ वारंट भी जारी है। हाल यह है कि घोड़ासहन थाना के वारंट तामिला रजिस्टर के सभी 200 पेज भर चुके हैं। इसके बावजूद अधिकतर वारंटी घोड़ासहन में बेधड़क घुमते नजर आ रहे है।
बाहर से आने वाली पुलिस को छापेमारी कभी-कभी सफलता जरूर मिलती है, पर अधिकतर में गांव की महिलाए ढाल बनकर सामने आ जाती हैं। पुलिस को यहां महिलाओं के वि’रोध का भी सामना करना पड़ता है। इसी बीच ब’दमाश नेपाल भाग जाते हैं।
ऐसा माना जाता है कि कुछ सफेदपोश का भी इन्हें संरक्षण प्राप्त है। घोड़ासहन के एक मुखिया राजू जायसवाल भी शटर काटने के मामले में आ’रोपित हैं। हाल के महीनों में यहां से दो सगे भाई चेलवा व बेलवा की गि’रफ्तारी हुई थी। उनपर 13 राज्यों में 83 केस दर्ज हैं।
