सोनपुर रेलमंडल का सबसे पुरानी रेलवे स्टेशन दलसिंहसराय आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। जबकि प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए की आय देने के बाद भी स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। प्लेटफार्म संख्या एक पर महिला व पुरुष के लिए शौचालय का निर्माण तो कराया गया है। जिसमें निर्माण के बाद से ही ताला लटका हुआ है।
दलसिंहसराय रेलवे स्टेशन पर रोजाना 24 जोड़ी गाड़ियों का ठहराव हो रहा है। जिससे रोजाना लगभग डेढ़ से दो लाख रुपए के आसपास आय रेलवे को प्राप्त होती है।
रोजाना नन स्टोपेज 15 मेल एक्सप्रेस ट्रेन व 20 मालगाड़ी का आना-जाना है। साल में 5 से 6 करोड़ का राजस्व देने वाले इस स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का घोर अभाव आज भी बना हुआ है। वहीं पीने के शुद्ध पानी, शौचालय, मूत्रालय, साफ-सफाई की समस्या से भी यात्रियों को गुजरना पड़ रहा है।
स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या एक पर शौचालय के समीप ही चोरी छुपे लोग लघुशंका करते रहते हैं। परिणाम स्वरूप शौचालयों के पास से निकलने वाली बदबू से यात्रियों को नाक बंद कर गुजरने के लिए मजबूर होना पड़ता है। उत्तर बिहार को दक्षिण बिहार से जोड़ने वाले इस स्टेशन पर वैशाली सुपरफास्ट सहित दर्जनों एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव है।
स्वच्छ भारत अभियान के तहत देश के कोने-कोने में स्वच्छता का संदेश दिया जा रहा है। लेकिन दलसिंहसराय रेलवे स्टेशन पर फैली गंदगी से लगता है यहां यह अभियान प्रभावी नहीं है।
जब रेलमंडल के किसी अधिकारी का निरीक्षण रहता है या होना होता है तब व्यवस्था बदली-बदली सी दिखती है। बाकी के दिनों में यहां हर तरफ गंदगी दिखाई देती है। जबकि स्टेशन से प्रतिदिन हजारों महिला, पुरुष, बुजुर्ग, बच्चे यात्रा करते हैं।
इस संबंध में एसएस अर्जुन सिंह ने बताया कि शौचालय का टेंडर नहीं होने के कारण बंद है। विभाग द्वारा टेंडर की प्रक्रिया होने के बाद शौचालय को यात्रियों के लिए चालू कर दिया जाएगा। कुछ नए शौचालय का भी निर्माण कार्य चल रहा है बहुत जल्द यात्रियों को उसकी सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी।