पटना : परंपरागत ईंधन पर निर्भर 70 फीसदी उज्ज्वला उपभोक्ता, रेगुलर नहीं लेते सिलेंडर, जानें….

पटना : बिहार में कुल प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत उपभोक्ताओं की संख्या अब 101.01 लाख पर पहुच गई है। हालांकि औसतन हर माह 30.66 लाख उपभोक्ता ही रसोई गैस सिलेंडर ले रहे हैं। जाहिर है 70.35 लाख उज्ज्वला उपभोक्ता रसोई गैस सिलेंडर लेने में अनियमित हैं।

उज्ज्वला योजना के दूसरे चरण के तहत 16.13 लाख नये कनेक्शन देने के बाद अब बिहार में कुल उपभोक्ताओं की संख्या 101.01 लाख पर पहुंच है। इसमें आइओसी के 41.23 लाख, बीपीसी के 27.20 लाख और एचपीसी के 32.58 लाख उपभोक्ता हैं।

उज्ज्वला योजना के तहत अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 के दौरान हर माह औसतन 30.66 लाख उपभोक्ताओं ने एलपीजी सिलेंडर लिया है। इसमें आइओसी के 13.08 लाख, बीपीसी के 8.11 लाख और एचपीसी के 9.46 लाख उपभोक्ता हैं। इस तरह से 70.35 लाख उज्ज्वला उपभोक्ता रसोई गैस सिलेंडर लेने में अनियमित हैं।

बिहार के कुल रसोई गैस उपभोक्ताओं की संख्या 206.32 लाख पर पहुंच गई है। इनमें से 97.62 लाख आइओसी, 49.52 लाख बीपीसी और 59.18 लाख उपभोक्ता एचपीसी के हैं। कुल उपभोक्ताओं में उज्ज्वला श्रेणी के 101.01 लाख उपभोक्ता हैं।

इस तरह से सामान्य श्रेणी के उपभोक्ताओं की संख्या 105.31 लाख है। बिहार एलपीजी वितरक संघ के महासचिव डाक्टर रामनरेश सिन्हा ने कहा कि शहरी क्षेत्र में उज्ज्वला उपभोक्ता नियमित रूप से रसोई गैस सिलेंडर ले रहे हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में लकड़ी, उपला जैसे परंपरागत ईंधन की उपलब्धता होने के कारण उपभोक्ता नियमित रूप से एलपीजी सिलेंडर नहीं ले रहे हैं।

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