अप्रैल में चैती नवरात्र के दौरान नहाय-खाय से होगी छठ की शुरुआत, देखें शुभ मुहूर्त

हिंदू सनातन धर्म में चैत्र मास को पवित्र मास माना गया है। इस मास में चैत्र नवरात्र के आरंभ होने के साथ विक्रम संवत 2079 का आरंभ, चैती छठ, रामनवमी, कामदा एकादशी व्रत, सतुआनी समेत कई प्रमुख पर्व और त्यौहार हैं। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा शनिवार दो अप्रैल को रेवती नक्षत्र एवं इन्द्र योग में हिंदू नव संवतसर का आरंभ तथा कलश स्थापना के साथ चैती नवरात्र का भी आरंभ होगा।

Chhath Puja 2021: Uttarakhand Government Declares Public Holiday on  November 10 | LatestLYवहीं, पांच अप्रैल से चैती छठ नहाय-खाय के साथ आरंभ होने के बाद आठ अप्रैल को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ का समापन होगा। वहीं, 10 अप्रैल को रामनवमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। हिंदू नवसंवत्सर में इस बार राजा शनि और मंत्री गुरु बृहस्पति होंगे। ज्योतिष आचार्य के अनुसार, जिस दिन से  नवसंवत्सर का आरंभ होता है उस दिन  यानी तिथि का अधिपति ग्रह वर्ष का राजा कहलाता है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा शनिवार को रेवती नक्षत्र व ऐन्द्र योग में वासंतिक नवरात्र कलश स्थापना के साथ आरंभ होगा। ज्योतिष आचार्य पंडित राकेश झा ने पंचांगों के हवाले से बताया कि रेवती नक्षत्र व ऐन्द्र योग होने से नवरात्र का महत्व बढ़ गया है।

कलश स्थापना के साथ घरों से लेकर मंदिरों तक मां दुर्गा की पूजा होगी। वहीं, आठ अप्रैल शुक्रवार को आद्रा नक्षत्र व शोभन योग में मां की प्रतिमा का पट खुलेगा। चैत्र शुक्ल अष्टमी शनिवार नौ अप्रैल को और 10 को हवन व कन्या पूजन होगा। वहीं, 10 को रामनवमी के दिन भगवान राम की पूजा अर्चना होगी।

चैत्र शुक्ल नवमी रविवार 10 अप्रैल को रामनवमी के दिन भगवान राम की पूजा अर्चना धूमधाम से होगी। भगवान राम घरों से लेकर मंदिरों में विराजमान होंगे। रामनवमी के दिन सुकर्मा योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, पुष्य नक्षत्र के साथ रवि पुष्य-योग में नवमी का त्योहार मनाया जाएगा।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु के सातवें अवतार मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम का प्राकट््य हुआ था। रामनवमी के दिन घरों व मंदिरों में श्रद्धालु रामचरित मानस, राम रक्षा स्रोत का पाठ करने के साथ भगवान राम का जन्मोत्सव मनाएंगे।

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