बिहार के सरकारी स्कूलों में महंगी हुई पढ़ाई, 300% तक की हुई बढ़ोतरी

बिहार में सरकारी उच्च विद्यालयों में पढ़ाई महंगी हो जाएगी। नए सत्र से राज्य के उच्च विद्यालयों में एडमिशन  लेने वाले छात्रों को लगभग 3 गुना अधिक तक एडमिशन फीस चुकाना पड़ेगा। यही नहीं स्टूडेंट्स को अब आईडेंटिटी कार्ड का भी चार्ज अपनी तरफ से देना होगा जो पहले फ्री में मिलता था। 9वीं और 11 वीं में प्रवेश शुल्क बढ़ाकर 50-50 कर दिया गया है अभी 9वीं में प्रवेश शुल्क केवल 20 और 11वीं में प्रवेश शुल्क 15 रुपये लिया जाता था।

इतना ही नहीं 9वीं में विकास शुल्क अब एक बार में ही 80 रुपये देने होंगे। पहले इसे दो किस्तों में लेने का प्रावधान था। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 11वी में विकास शुल्क 160 की जगह अब 200 रुपये  लिए जाएंगे।

ओवरऑल के स्ट्रक्चर में बढ़ोतरी को देखते हुए नए सत्र में नौवीं में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को 181 और 11वीं में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को 165 रुपये ज्यादा चुकाने होंगे। शिक्षा विभाग द्वारा जो आदेश जारी किया गया है उसके अनुसार बच्चों को स्कूल में मनोरंजन के लिए भी फीस देना होगा। 9वी में मनोरंजन के लिए फीस को 10 रुपये से बढ़ाकर 20 रुपये कर दिया गया है जबकि 11वीं में 20 से बढ़ाकर 60 रुपये किया गया है। इतना ही नहीं अब नौवीं के स्टूडेंट्स को भी विद्यालय के रख रखाव के रूप में 50 रुपये अलग से चुकाने होंगे जो अभी तक उन्हें बिल्कुल नहीं देना होता था। ग्यारहवीं के स्टूडेंट्स को यह पहले की तरह 150 रुपया ही लगेगा, इसके अलावा बच्चों को बिजली बिल भी चुकाना होगा। 9वीं के बच्चों का बिजली बिल 10 से बढ़ाकर 20 रुपये कर दिया गया है, जबकि 11 वी के बच्चों का बिजली बिल 60 से बढ़ाकर 80 रुपये किया गया है।

शिक्षा विभाग ने यह भी फैसला किया है कि जहां से छात्र ने नौवीं की पढ़ाई की है वहीं से 11वीं की पढ़ाई करने पर उसे कोई एडमिशन फीस नहीं लगेगा।

इसके अलावा एससी-एसटी के छात्रों को ट्यूशन फी में रियायत देने का भी फैसला लिया गया है। फॉर्म के लिए समिति द्वारा स्कूलों को फीस चुकाया जाएगा। सभी विद्यालयों में सभी तरह की राशि विद्यालय के विकास कोष में जमा करने का भी फैसला लिया गया है। 

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