गया। शहर के गया मार्केट में पुस्त दर पुस्त विगत 60 वर्षों से मुस्लिम परिवार के लोग रामनवमी का महावीर झंडा बनाकर गाढ़ी कमाई कर रहे हैं । गया मार्केट के बुजुर्ग दर्जी मोहम्मद सलीम बताते हैं कि यहां गया शहर के अलावे डोभी, शेरघाटी, बाराचट्टी, झारखंड के कोडरमा, हजारीबाग से रामनवमी पर्व पर झंडे बनाने का ऑर्डर आता है। जिसे हमलोग बना कर अच्छी कमाई कर लेते हैं।
एक आदमी प्रत्येक दिन महावीरी झंडा बनाने में चार से पांच सौ रुपये की कमाई कर लेता है। इससे परिवार का खर्चा भी निकल जाता है। उन्होंने बताया कि व्यवसाय में कहीं भी हिंदू मुस्लिम की अलगाववादी बातें नहीं होती हैं। हम सभी भाई- भाई की तरह रहते हैं और एक- दूसरे की मदद करते हैं।

मुस्लिम परिवारों का कहना है कि हिंदू-मुस्लिम करने वाले या सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने वाले लोग केवल अपनी राजनीतिक दुकान चलाने का काम करते हैं । उन लोगों के बहकावे में आकर कुछ लोग जरूर ही उनको अपना नेता मानने लगते हैं लेकिन सब लोग ऐसे नहीं होते। अब हम लोग जागरूक हो चुके हैं कोई भी हिंदू भाई कभी भी हमसे इस तरह की कोई बात नहीं करते जिससे हमारे धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचे या हमारे परिवार के लोग या यहां काम करने वाले यहां भाई लोग भी हिंदू लोगों से ऐसी कोई बात नहीं करते जिससे उनकी भावनाएं भी आहत हों।
हम सभी मिलजुल कर हर त्यौहार पर्व मनाते हैं और एक दूसरे की मदद करते हैं। यही तो है हमारा असली भारत जहां शुरू से कहा जाता है हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई आपस में सब भाई-भाई। बताया गया कि पिछले 60 वर्षों से हमारा परिवार यह कार्य कर रहा है लेकिन कभी भी सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की बात किसी के मुंह से नहीं सुनी।

