मुजफ्फरपुर के मड़वन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नवजात को बदलने का आरोप लगाते हुए प्रसूता के परिजनों ने जमकर हंगामा किया। प्रसूता के स्वजनों का कहना था कि रात में जब बच्चे का जन्म हुआ तो कहा गया कि बेटा हुआ है। बेटा जन्म लेने की बात बता नेग भी लिया गया।
इसके बाद इसकी सूचना अन्य रिश्तेदारों को भी मोबाइल से दी गयी। मगर सुबह में पता चला कि शिशु पुत्र नहीं पुत्री है। इसके बाद स्वजन पीएचसी पहुंच हंगामा करने लगे। परिजनों का आरोप था कि रात में ही एक अन्य महिला ने भी बच्चे को जन्म दिया था, जिसके बाद बच्चे की अदला बदली कर दी गयी।
लोगों ने बताया कि सोमवार की रात्रि में पीएचसी में लगभग साढ़े ग्यारह बजे रक्सा पूर्वी टोला की एक महिला ने शिशु को जन्म दिया था। इसके बाद प्रसव कक्ष के कर्मियों ने लड़का जन्म लेने की बात बता इनाम लिया। इसके बाद मरीज के स्वजनों ने शिशु का फोटो भी खिंचा। सुबह में उसे लड़की होने की बात पता चली तो लोग आक्रोशित हो गये। बच्चा बदलने का आरोप लगा हंगामा करना शुरू कर दिया। आक्रोशित लोगों का आरोप था कि अस्पताल के कर्मी की लापरवाही के कारण इस तरह की घटना हुई है।सूचना पर जिप आसिफ इक़बाल, पूर्व सरपंच मनोज सिंह, पूर्व प्रमुख मो मोहसिन आदि जनप्रतिनिधियों ने मौके पर पहुंच लोगों को समझाया बुझाया लेकिन कोई मानने को तैयार नहीं था। परिजनों का आरोप था कि रात में ही एक अन्य महिला ने भी बच्चे को जन्म दिया था, जिसके बाद बच्चे की अदला बदली कर दी गयी। लोगों ने बताया कि सोमवार की रात्रि में पीएचसी में लगभग साढ़े ग्यारह बजे रक्सा पूर्वी टोला की एक महिला ने शिशु को जन्म दिया था। इसके बाद प्रसव कक्ष के कर्मियों ने लड़का जन्म लेने की बात बता इनाम लिया। इसके बाद मरीज के स्वजनों ने शिशु का फोटो भी खिंचा।
सुबह में उसे लड़की होने की बात पता चली तो लोग आक्रोशित हो गये. बच्चा बदलने का आरोप लगा हंगामा करना शुरू कर दिया।आक्रोशित लोगों का आरोप था कि अस्पताल के कर्मी की लापरवाही के कारण इस तरह की घटना हुई है। सूचना पर जिप आसिफ इक़बाल, पूर्व सरपंच मनोज सिंह, पूर्व प्रमुख मो मोहसिन आदि जनप्रतिनिधियों ने मौके पर पहुंच लोगों को समझाया बुझाया लेकिन कोई मानने को तैयार नहीं था।
बाद में पहुंचे करजा थानाध्यक्ष राजेश कुमार राकेश, अस्पताल के बीसीएम टप्पू गुप्ता व जनप्रतिनिधियों ने रात को जो बच्ची का फोटो अपने परिजन को भेजा गया था। उसके फोटो व लपेटे हुए कपड़े की पहचान करवाकर बच्चा का सत्यापन करवाया गया। उसके बाद दोनों बच्चों के परिजनों को आपसी सहमति से दोनों बच्चों को सुपुर्द कर दिया गया। जिप सदस्य आसिफ इक़बाल सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के कहना है कि अस्पताल नर्स व अन्य कर्मियों द्वारा चलाया जाता है आये दिन डॉक्टर व पीएचसी प्रभारी गायब रहते हैं। बीसीएम टप्पू गुप्ता ने बताया कि परिजनों की गलतफहमी के कारण इस तरह की घटना हुई है।
