बिहार एननडीए में खींचतान : जेडीयू ने फिर उठाई बिहार को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग

बाबा साहब अम्बेडकर जयंती समारोह के मौके पर JDU ने विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे को उठा कर अपनी विशेष सियासत फिर से तेज कर दी है और अपने सहयोगी भाजपा पर दबाव बनाने की कोशिश की है। भाजपा ने भी JDU को इशारों में आईना दिखाने की कोशिश की है। दरअसल, बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर जयंती समारोह के मौके पर JDU के तमाम बड़े नेता मौजूद थे। इस मौके पर चर्चा तो शुरू बाबा साहब के उन कार्यों की, जिनकी वजह से आज देश उन्हें जानता है।  लेकिन इसी चर्चा में नीतीश कुमार के विकास कार्यों की चर्चा भी शामिल कर ली गई और JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग उठाकर बिहार की सियासत फिर से गर्मा दी। ललन सिंह ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए, ताकि विकास के मामले में बिहार देश के अव्वल राज्यों की कतार में खड़ा हो सके। JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि कभी बिहार में आलू, लालू और बालू की चर्चा होती थी, लेकिन आज बिहार विकास के पथ पर तेजी से दौड़ रहा है। कोरोना संकट के बावजूद बिहार का विकास और प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी हुई है। यह बात आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट कहती है। ललन सिंह ने इशारों-इशारों में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ राज्य वित्तीय कुप्रबंधन कर रहे हैं, फिर भी उन्हें ज्यादा मदद मिल रही है.जबकि बिहार कुशलता के साथ वित्तीय प्रबंधन कर रहा है, लेकिन उसे जितनी मदद मिलनी चाहिए, उतनी नहीं मिल पा रही है। जब तक बिहार का विकास नहीं होगा, तब तक देश का विकास नहीं हो सकता है।ललन सिंह के बिहार को विशेष राज्य की दर्जे की मांग के बाद JDU संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने न्याय पालिका में कंपीटिशन के माध्यम से जजों की नियुक्ति का मामला उठा भाजपा के लिए असहज हालात पैदा करने की कोशिश की। विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधने की जेडीयू की कोशिश पर भाजपा ने भी उसे आईना दिखाने की कोशिश की है। भाजपा प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल ने कहा कि जो प्रावधान ही खत्म हो गया है, उसकी मांग उठाना बेकार है। केंद्र रकार बिहार को विशेष मदद दे रही है, विशेष पैकेज दे रही है, जिससे बिहार का विकास हो रहा है। बिहार को आगे भी जो मदद चाहिए वह मिलती रहेगी। बहरहाल JDU और भाजपा NDA के दो मजबूत सहयोगी हैं, लेकिन कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर दोनों पार्टियां आमने-सामने आ जाती हैं और एक बार फिर JDU की मांग पर बिहार की सियासत गर्म हो सकती है।

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