बिहार में भी है ‘शिमला’! पहाड़ियों से घिरी वादियों के बीच लोग आते हैं हॉलिडे मनाने

बिहार प्रदेश के दक्षिण पूर्व अंतिम छोर पर बसा जमुई जिले का सिमुलतला को मिनी शिमला के नाम से जाना जाता है। पर्यटन को लेकर यह स्थान खास माना जाता है, क्योंकि अंग्रेजी शासन काल से ही यहां सैलानियों का आना- जाना होता है।यहां बंगालियों की लगभग साढ़े तीन सौ कोठियां है। इन कोठियों में लोग अपने हॉलिडे मनाने और स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए सिमुलतला आते थे। हालांकि कई कोठियां बिक गईं, लेकिन आज भी कई पहाड़ियों से घिरी वादियों के बीच सिमुलतला सबको भाता है। अब तो सिमुलतला की एक और बड़ी पहचान बन गई जहां बिहार सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट नेतरहाट के तर्ज पर 2010 में स्थापित सिमुलतला आवासीय विद्यालय खुल गया जिसे टॉपर्स की फैक्ट्री कहा जाता है।

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सिमुलतला वैसे ही खास नहीं है, विश्व को ज्ञान देने वाले स्वामी विवेकानंद की तबीयत जब बिगड़ी थी तब यहां दोबारा कर प्रवास किया था। सिमुलतला की वादियों और कोठियों में कई बंगाली और हिंदी फिल्म कि शूटिंग हो चुकी है। सिमुलतला के पानी के बारे में कहा जाता है कि यहां हल्दिया झरना का पानी पेट के लिए बिल्कुल लाभदायक है। इंसान कुछ भी खाता है कुछ ही देर में उसे फिर भूख लग जाती है। स्टेशन के रूप में पहचान रखने वाली सिमुलतला में क्या-क्या खास है, अगर नजर डालें तो उसमें जो चर्चित है वह है सिमुलतला की वादियों में कई बंगाली फिल्म की शूटिंग हुई है।  जिसमें दादर कीर्ति, भालोबासा और ओचारजन, पदभुला जैसी फिल्में हैं।

सिमुलतला हिल स्टेशन पर स्थित रहस्यमय लालडेंगा हाउस आकर्षण का मुख्य केंद्र है. बताया जाता है कि बांग्लादेश के नालडेंगा राजबाड़ी किले के तर्ज पर ही वहां के राजा ने लालडेंगा हाउस का निर्माण किया था, जो आज खंडहर का रूप ले चुका है, बावजूद इसके वह आकर्षण का केंद्र है। जहां पर पर्यटक आकर सुकून प्राप्त करते हैं। वहीं यहां कई फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है। 52 कमरों और 53 दरवाजा वाले इस किले की अपनी पहचान है, लेकिन उपेक्षित होने के कारण यह किला अब जमींदोज होने के कगार पर है।

जमुई जिले का हिल स्टेशन के रूप में पहचान रखने वाला सिमुलतला बंगाली कोठियों के कारण भी मशहूर है। एक समय था के यहां साढ़े तीन सौ से अधिक बंगाली लोगों की कोठियां थीं, जो अब लगभग डेढ़ सौ की संख्या में बच गई हैं। यह बंगाली कोठिया बहुत पुरानी हैं। अंग्रेजों के समय बने इन बंगाली कोठियों में आकर लोग रहा करते थे। देश की आजादी के पहले जब कोलकाता में ब्रिटिश हुकूमत का केंद्र रहा करता था तो अक्सर बंगाली अधिकारी अपनी छुट्टियां मनाने यहीं आया करते थे।

जमुई जिले का सिमुलतला फिल्म शूटिंग के लिए भी मशहूर है. यहां की बड़ी-बड़ी बंगाली कोठियों और वादियों में बांग्ला भाषा की कई फिल्मों के शूटिंग हुए हैं। फिल्मकार सत्यजीत रे दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित फिल्मकार बीएन सरकार ने अपनी कई फिल्मों की शूटिंग यहां पर की है। यहां अंग्रेजी सरकार के प्रथम भारतीय लॉर्ड एसपी सिन्हा की भी कोठी है. इसके अलावा छोटी रेल लाइन से ताल्लुक रखने वाले आरएन मुखर्जी की भी कोठी यहां मौजूद है।

 

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