आपने शिव मंदिर में भां’ग-धतूरे चढ़ने की बात सुनी होगी। उज्जैन के काल भैरव को मदिरा भी चढ़ाई जाती है। लेकिन बिहार के खगड़िया में एक ऐसा देवी मंदिर है, जहां गांजा चढ़ाकर मां को खुश किया जाता है।

यहां के कात्यायनी शक्तिपीठ में सदियों से यह एक अलग परंपरा चली आ रही है। माता को खुश करने के लिए भक्त उन पर दूध की धार डालकर गांजा चढ़ाते हैं। मान्यता है कि इससे मां प्रसन्न होकर उनकी मनोकामना पूर्ण करती हैं। यहां नवरात्र के अलावा शुक्रवार और सोमवार को अपार भीड़ जुटती है।

धामहरा रेलवे स्टेशन के पास इस मंदिर में मां दुर्गा का कात्यायनी स्वरूप है। मंदिर के पुजारी पवन भगत की मानें तो इस शक्तिपीठ की चर्चा शिव पुराण और स्कंद पुराण में की गई है।


कहा जाता है कि यहां माता पार्वती की बाईं भुजा गिरी थी। मंदिर में स्थापित पिंड की खोज चौथम राज के राजा मंगल सिंह और उनके मित्र श्रीपत महाराज ने की थी। इसके बाद यहां मंदिर का निर्माण हुआ। यहां मां के अलावा शिव, हनुमान और श्रीराधा-कृष्ण का मंदिर भी है।
