मुजफ्फरपुर में एक साथ धू-धूकर जले 14 घर : बेटी की शादी को रखे थे रुपए और गहने, जिं’दा ज’ले गाय-भैंस

मुजफ्फरपुर जिले के औराई थाना क्षेत्र के चहुटा गांव में देर रात भीषण आ’ग लगने की घ’टना घटी। इसमे एक साथ 14 घर ज’लकर राख हो गए। सभी घर झो’पड़ी और पक्के के थे। इस दौरान करीब 15 लाख का नुकसान बताया जा रहा है। आग लगने से एक गाय का बच्चा, भैंस का बच्चा और 6 बकरियां भी जिं’दा ज’ल गई। आग की लपटें इतनी भी’षण थी कि मवेशियों को बचाना मुश्किल था। आसपास के लोग पानी से आग बुझाने का प्रयास करते रहे। लेकिन, सफलता नहीं मिली।

आग लगने से सीताराम मंडल का घर पर पूरी तरह राख हो गया। 13 मई को उनकी बेटी निधि की शादी तय है। इसके लिए घर मे करीब एक लाख रूपये, जेवरात, कीमती कपड़े, दूल्हा का शूट समेत अन्य सामान जल गया। सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड की चार वाहन मौके पर पहुंची। करीब तीन घन्टे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा गया। तबतक 14 घर पूरी तरह जल चुके थे। अफरातफरी और भगदड़ का माहौल मचा हुआ था। चीख पुकार से पूरा इलाका दहल उठा। औराई पुलिस ने भी मौके पर पहुंचकर घटना का जायजा लिया। प्रारम्भिक जांच में शार्ट सर्किट से आग लगने की बात सामने आई है। पुलिस आगे की कार्रवाई और पीड़ित परिवार का बयान दर्ज करने की कवायद कर रही है।

सिलेंडर विस्फोट से दहला इलाका

बताया गया कि सबसे पहले आग सोगारथ मंडल के घर में लगी। घटना करीब दो बजे रात की है। पूरा गांव चैन की नींद सो रहा था। अचानक से आग की लपटें तेज होने लगी। घर मे सो रहे लोगों को जब आग की तपिश महसूस हुई। तब सबकी नींद खुली। वे लोग शोर मचाते हुए बाहर भागे। शोर सुनकर आसपास के लोग भी नींद से जग गए। तबतक आग की लपटें तेज होती चली गयी। एक-एक कर इसने 14 घरों को अपनी चपेट में ले लिया। लोगों को एक भी सामान निकालने का मौका नहीं मिल सका।

खाने को अनाज और रहने को छत नहीं

सुधा देवी ने बताया कि रात को सो रहे थे। तभी अचानक से घर के पिछले हिस्से में आग लग गयी। बच्चों को चिल्लाकर उठाया और सबको लेकर बाहर भागी। आसपास के लोग जबतक मदद करते। पूरा घर जलने लगे। मवेशियां भी जिंदा जल गई। आग इतनी भीषण थी कि कोई मवेशियों को बचाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। आंखों के सामने जीवन भर की कमाई जलकर राख हो गयी। कहती हैं, अब न खाने के लिए अन्न का एक दाना है और न रहने के लिए छत है।

चीख पुकार से गमगीन हुआ माहौल

घटना के बाद से आज सुबह तक पूरे इलाके में चीख पुकार मची हुई है। शरीर पर पहने हुए कपड़े को छोड़कर कुछ नहीं बचा। सीताराम को अपनी बेटी की शादी की चिंता सता रही है। कहते हैं कि बेटी की शादी के लिए कर्ज ले रखा था। अब कैसे शादी होगी। इसी चिंता में डूबे हुए हैं। सभी लोग मेहनत मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं।

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