लीची का निर्यात-व्यापार… लाल हाेने के बाद जल्द खराब हाे जाने वाली लीची काे बाहर भेजने की परेशानी होगी दूर

मेन सीजन में ही लगातार दाे वर्षों से कोरोना लहर आ जाने के कारण लीची का व्यापार और निर्यात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। पर, इस बार इसका अधिक से अधिक निर्यात और व्यापार हाे सके इसके लिए प्रशासन व विभाग जाेर-शाेर से जुट गया है।

लीची फलों का तुराई उपरान्त प्रबंधन एवं मूल्य संवर्धन - Kisan Suvidha

सहायक निदेशक उद्यान ने कृषि-उद्यान अधिकारी, लीची अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक, डीटीओं, प्रगतिशील किसानाें व व्यापारियाें काे शामिल कर टास्क फाेर्स का गठन किया है।

काेराेना काे लेकर दाे वर्षाें से लीची का निर्यात प्रभावित

लीची किसान व व्यापारियाें काे उचित लाभ दिलाने के लिए उनके साथ-साथ हर संबंधित अधिकारियाें से प्लान मांगा गया है। उनकी सभी समस्याएं चिह्नित कर उनके निदान के लिए टीम के अध्यक्ष सह डीडीसी आशुताेष द्विवेदी ने 29 अप्रैल काे अपने कार्यालय में विशेष बैठक बुलाई है। बताया गया कि टास्क फाेर्स का उद्देश्य किसान-व्यापारियाें के साथ ही ट्रांसपाेर्टराें की परेशानियाें काे भी दूर करना है।

ताकि, लाल हाेने के बाद जल्द खराब हाे जानेवाली लीची काे बाहर भेजने में काेई परेशानी न हाे। लीची संबंधित जगह तक सुरक्षित पहुंच जाए। 29 अप्रैल काे हाेनेवाली बैठक में इस पर गहन मंथन कर हर समस्या का निदान करना है।

 

 

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