अब ट्रेन में सफर के दौरान टॉयलेट से बदबू नहीं, आएगी खूशबू, जल्द होने वाला है ये बदलाव…….

ट्रेनों की बोगियों में लगे बायो टॉयलेट से अब बदबू नहीं आएगी। रेलवे वर्कशॉप ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। वर्कशॉप में मरम्मत के लिए आ रहीं बोगियों के बायो टॉयलेट में (वीटीई) वान्च्यूरी टाइप एक्जास्ट लगाया जा रहा है। यह उपकरण टॉयलेट से आने वाली बदबू को पूरी तरह से गायब कर देगा। इतना ही नहीं टॉयलेट में हल्की खुशबू आती रहे इसके लिए डियाड्रेंट बॉक्स भी लगाया जा रहा है।

बोगियों में लगे बायो टॉयलेट में एक समय के बाद बदबू आने लगती है। इसके कारण यात्रियों को काफी परेशानी होती है। कई यात्री तो टॉयलेट का इस्तेमाल बहुत मजबूरी होने पर ही करते हैं। यात्रियों की लगातार आ रहीं शिकायतों को देखते हुए रेलवे ने यह पहल की है। यांत्रिक कारखाना में इस पर काम शुरू हो गया है। वर्कशॉप में आ रहीं बायो टॉयलेट लगीं बोगियों में वीटीई सिस्टम लगाया जा रहा है। टॉयलेट के अंदर डियाड्रेंट बॉक्स भी लगाया जा रहा है जो बदबू को हटाकर खुश्बू फैलाएगा।

ऐसे काम करेगा सिस्टम-
वीटीई सिस्टम में एक टॉयलेट में दो फनेल विपरीत दिशा में लगाए गए हैं। फनेल को कोच के टॉयलेट से एक पाइप के माध्यम से जोड़ा गया है। इससे ट्रेन किसी भी दिशा में आगे बढ़ेगी तो ताजी हवा दाब से टॉयलेट के अंदर प्रवेश करेगी और टॉयलेट की दुर्गंध को साथ में लेकर फनेल से दूसरी ओर बाहर निकल जाएगी।.

एक दर्जन ट्रेनों में बायो टॉयलेट-
गोरखपुर से गुजरने वाली लगभग सभी प्रमुख ट्रेनों जैसे गोरखधाम, कोचीन, वैशाली, बिहार सम्पर्क क्रांति, कुशीनगर, एलटीटी, सप्तक्रांति और हमसफर समेत एक दर्जन से अधिक ट्रेनों में बायो टॉयलेट लगाए जा चुके हैं। इन ट्रेनों के यात्री काफी दिनों से बदबू की शिकायत कर रहे थे।

एलईडी बल्ब से जगमगाए एनईआर के सभी स्टेशन-
जल संरक्षण के साथ ही पूर्वोत्तर रेलवे ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में भी अहम योगदान दे रहा है। एनई रेलवे ने अपने सभी 412 स्टेशनों पर तीन लाख एलईडी फिटिंग लगा दी है। सभी स्टेशन एलईडी लाइट से जगमगा रहे हैं। एलईडी से जहां स्टेशनों की रौनक बढ़ गई है वहीं औसतन हर महीने सवा से डेढ़ लाख यूनिट बिजली बच रही है। .

पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ संजय यादव ने बताया कि सभी स्टेशनों पर एलईडी लाइटिंग कर दी गई है। इससे हर साल बिजली बिल के मद में लाखों की बचत हो रही है। आक्यूपेंसी सेंसर लगाकर बिजली की खपत की जा रही है। कार्यालय में अगर कोई नहीं है तो खुद ब खुद लाइट और पंखे बंद हो जा रहे हैं। जैसे ही कार्यालय के अंदर लोग प्रवेश कर रहे हैं पंखे और लाइट चालू हो जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर रेलवे के सभी 412 स्टेशनों व 603 सेवा भवनों पर शत-प्रतिशत एलईडी फिटिंग लगा दी गई है। एनई रेलवे ने स्टेशनों के साथ ही 10 हजार रेल आवासों और 410 समपार फाटकों पर भी एलईडी लाइटिंग करवाकर उर्जा की बचत की जा रही है।

सौर ऊर्जा के लिए बड़े पैमाने पर लगाए गए पावर ग्रिड-
सीपीआरओ संजय यादव ने बताया कि बिजली बचत के लिए बड़े-बड़े स्टेशनों और कार्यालयों में ग्रिड कनेक्टेड व ऑफ ग्रिड सौर ऊर्जा पैनल लगाए गए हैं। ग्रिड कनेक्टेड सौर पैनल में सौर ऊर्जा के द्वारा विद्युत ऊर्जा उत्पादित कर ग्रिड में डाले जाते हैं और इन ऊर्जा के बराबर का मूल्य विद्युत बिल में से कम कर दिया जाता है। अब तक पूर्वोत्तर रेलवे पर 2615 किलोवाट पिक की क्षमता से सोलर पैनल शुरू किया जा चुका है।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Muzaffarpur News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading