दुनिया भर में आज अर्थ डे, यानी पृथ्वी दिवस मनाया जा रहा है। इसका मकसद लोगों को पर्यावरण संरक्षण के मुद्दे पर जागरूक करना और धरती के महत्व को समझाना है। इस साल वर्ल्ड अर्थ डे की थीम ‘इन्वेस्ट इन अवर अर्थ’ यानी ‘हमारी धरती में निवेश करें’ है।

अर्थ डे के दिन लोग कई तरह के कार्यक्रम आयोजित करते हैं। इनमें सड़क किनारे पेड़ लगाना, कचरा उठाना, तालाबों को साफ करना, लोगों को धरती का महत्व समझाना शामिल हैं। इसके अलावा स्कूलों, कॉलेजों में छात्र-छात्राओं को धरती को लेकर जागरूक किया जाता है। कई लोग नुक्कड़ नाटक के जरिए भी इसे लेकर जागरूकता फैलाते हैं।

40 हजार प्रजातियों के लुप्त होने का खतरा
इंसान भले ही अंतरिक्ष तक पहुंच गया हो, पर इसकी बड़ी कीमत भी धरती को चुकानी पड़ रही है। 10 हजार साल पहले धरती पर 600 करोड़ हेक्टेयर, यानी करीब 57% हिस्से पर जंगल था। अब ये 400 करोड़ हेक्टेयर बचा है। जैव आकलन करने वाली संस्था IUCN की रेड डेटा बुक में शामिल 142,500 प्रजातियों में से 40,000 के विलुप्त होने का खतरा है। ये ज्ञात प्रजातियों का 28% है।

बल वॉर्मिंग से मचेगी तबाही
नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि इंसानी दखल के चलते जिस तरह ग्लोबल वॉर्मिंग बढ़ी है, उससे धरती पर तेजी से बदलाव हो रहे हैं। पिछले 2000 साल में जो बदलाव हुए हैं वे हैरान करने वाले हैं। 1750 के बाद से ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन तेजी से बढ़ा है। 2019 में एन्वायर्नमेंट में कार्बन डाइऑक्साइड का लेवल अब तक सबसे ज्यादा दर्ज किया गया है।

नासा के मुताबिक, साल 2100 तक दुनिया का तापमान काफी बढ़ जाएगा। लोगों को भयानक गर्मी झेलनी पड़ेगी। कार्बन एमिशन और प्रदूषण नहीं रोका गया तो तापमान में औसतन 4.4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होगी। अगले दो दशक में तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाएगा। इस तेजी से पारा चढ़ेगा तो ग्लेशियर भी पिघलेंगे। इनका पानी मैदानी और समुद्री इलाकों में तबाही लेकर आएगा।

कब हुई अर्थ डे की शुरुआत
1960 और 1970 के दशक में लोगों ने ज्यादा संख्या में पेड़ काटना शुरू कर दिया। इससे जंगल खत्म होने लगे। लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए 1969 में वॉशिंगटन में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। विस्कोंसिन के अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने ऐलान किया कि 1970 में देशभर में पर्यावरण को लेकर प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें कई लोगों ने हिस्सा लिया। फिर साल 1970 में पहली बार 22 अप्रैल को अर्थ डे मनाया गया।