मुजफ्फरपुर : बेला औद्योगिक क्षेत्र में बंद पड़ी 26 फैक्ट्रियां फिर से चालू होंगी। बियाडा ने इसके लिए स्वीकृति दे दी है। करीब एक दशक से ये फैक्ट्रियां बंद थीं। पूर्व में इन फैक्ट्रियों में मसाला, स्नैक्स, नमकीन, मेटल ब्रश, प्लास्टिक के बर्तन व अन्य उत्पाद तैयार होते थे।

बेला में करीब एक दशक से बेकार पड़ी जमीन का फिर से उत्पाद कार्यों के लिए उपयोग हो सकेगा। इससे करीब पांच सौ लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सकेंगे। 26 में से सात फैक्ट्री का मामला हाईकोर्ट में लंबित था। बियाडा की ओर से जमीन का आवंटन रद्द किए जाने पर सात उद्यमियों ने हाईकोर्ट का रुख किया था।

हाईकोर्ट की ओर से मामला निबटाए जाने के बाद सात फैक्ट्रियों में फिर से उत्पाद शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है। वहीं, पांच फैक्ट्रियां उद्योग विभाग से मिली आर्थिक मदद के तहत खुली थीं। प्रावधानों के उल्लंघन के कारण इसको बंदकर दिया गया। वहीं, शेष फैक्ट्रियों से जुड़े मामले बियाडा के कार्यालय में लंबित थे।

बंद फैक्ट्रियों को फिर से चालू करने के लिए बियाडा की ओर से हाल में प्रावधान में दी गई। रियायत से ये फैक्ट्रियां फिर से चालू हो सकेंगी। बियाडा के कार्यकारी निदेशक रवि रंजन प्रसाद ने बताया कि बेला औद्योगिक क्षेत्र लंबे समय से बंद 26 फैक्ट्रियां फिर से चालू होंगी। इसके लिए मुख्यालय से मंजूरी मिल गई है।

बेला औद्योगिक क्षेत्र में बंद 26 फैक्ट्रियों के फिर से चालू होने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। फैक्ट्रियों को चालू करने के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर पर करीब सौ करोड़ रुपये खर्च होंगे। सौ करोड रुपये के निवेश से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा। बिहार उद्यमी संघ के उपाध्यक्ष भरत अग्रवाल ने बताया कि बियाडा की ओर से प्रावधानों में रियायत दिए जाने से बंद फैक्ट्रियां फिर से चालू हो रही हैं। इसके लिए संघ लगातार कोशिश कर रहा था। उत्पादन परिवर्तिन के अलावा जमीन से जुड़े प्रावधानों को सरल बनाए जाने से आम उद्यमियों को फायदा हो रहा है।
