मुजफ्फरपुर : खराब मौसम व कोरोना के कारण पिछले दो साल से आर्थिक नुकसान झेल रहे किसानों को इस बार बेहतर लीची पैदावार और आमदनी की उम्मीद है। जिले के कई किसानों के संपर्क में दूसरे प्रदेश के लीची व्यापारी व कंपनियां हैं। उन्होंने बागों में पहुंचकर लीची का जायजा भी ले लिया है। दक्षिण भारत के व्यापारी भी रविवार तक झपहां व रोहुआ पहुंच सकते हैं। व्यापारियों ने किसानों से संपर्क साधा है। कई ने लीची के लिए किसानों को एडवांस भी दे दिया है। इधर, प्रशासनिक स्तर पर भी लीची किसानों की सहूलियत के लिए तैयारी

शुरू कर दी गई है। जिले में लीची टास्क फोर्स का गठन कर दिया गया है। सहायक निदेशक उद्यान शंभू प्रसाद ने डीएम से अनुशंसा कर रेल को पत्र लिखा है। इसमें 15 मई से 15 जून तक मुजफ्फरपुर जंक्शन से मुंबई जाने के लिए पवन ट्रेन में प्रतिदिन 24 टन क्षमता वाली दो पार्सल व एक एसएलआर बोगी रिजर्व कराने की बात कही है।

सहायक निदेशक उद्यान ने बताया कि रेलवे से इसकी अनुमति मिल जाएगी। एक सप्ताह पूर्व नोएडा की सुपर प्लम कंपनी के अधिकारियों ने मुरौल, मुशहरी व कांटी प्रखंड में बागों का निरीक्षण किया था। बिहार लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह ने बताया कि इस बार बेहतर पैदावार की संभावना है। नोएडा की कंपनी के अधिकारी बागों को देखकर जा चुके हैं। संभावना है कि करीब 150 सौ टन लीची खरीदने के लिए मई के प्रथम सप्ताह में एग्रीमेंट कर सकते हैं।

आठ से 10 मई के बीच लीची में आ जाएगी लाली
मई के तीसरे सप्ताह में मिठास आने पर किसान बागों से लीची तोड़ सकते हैं। बेंगलुरु का नामधारी ग्रुप इस बार लीची खरीदने के लिए तैयार है। ग्रुप के अधिकारी रविवार को मुजफ्फरपुर पहुंच सकते हैं। इसके बाद झपहां और रोहुआ स्थित लीची के बागों को देखने जाएंगे। इस बार अबतक मौसम के साथ देने और बढ़िया फलन होने से इस ग्रुप ने फिर खरीदारी करने का निर्णय लिया है।

