मुजफ्फरपुर : यात्रीगण ध्यान दें! प्लेटफॉर्म नं. 4 व 5 से पकड़नी है ट्रेन तो पानी और हाथ पंखा लेकर जाएं

जंक्शन पर बना प्लेटफॉर्म नंबर- 4 व 5 भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। करीब 24 कराेड़ खर्च के बावजूद प्लेटफॉर्म पर ए ग्रेड स्टेशन तो छोड़िए, सी ग्रेड स्टेशन जैसी यात्री सुविधाएं भी नहीं हैं। हाल में बने 4-5 नंबर प्लेटफॉर्म पर न पीने के पानी की व्यवस्था है और न 40 डिग्री तापमान में गर्मी से राहत की। हालांकि, पंखे तो लगे हैं लेकिन चलते नहीं हैं। जिससे भीषण गर्मी में लोग पसीने से तर-बतर होते रहते हैं। एसी बाेगी से उतरने पर आपकाे चिलचिलाती धूप में ही उतरना हाेगा। क्योंकि, आधे प्लेटफार्म पर ही शेड लगाया गया है।

करीब 900 मीटर लंबे प्लेटफॉर्म पर शाैचालय व यूरिनल तक नहीं है। इसके लिए यात्री काे एक किमी दूरी चल कर एक नंबर प्लेटफॉर्म पर जाना हाेगा। किसी ट्रेन के आने पर एक साथ सैकड़ों की संख्या में यात्री उतरते हैं। लेकिन, स्टेशन परिसर से बाहर निकलने के लिए प्लेटफॉर्म 4-5 पर महज एक फुटओवरब्रिज है। जिससे ट्रेन आने पर अफरातफरी का माहाैल बन जाता है। एेसे में कभी भी काेई बड़ा हादसा हाे सकता है। प्लेटफॉर्म पर काेच इंडिकेटर बाेर्ड भी नहीं लगा है। जिससे बाेगी में चढ़ने में यात्रियाें काे काफी परेशानी हाेती है।

घटिया निर्माण की शिकायत के बाद भी विभाग ने नहीं की कार्रवाई

आश्चर्य की बात ताे यह है कि इस प्लेटफॉर्म के निर्माण से लेकर अबतक कई बार वरीय अधिकारियाें ने निरीक्षण भी किया। लेकिन यात्री सुविधा व काम की गुणवत्ता काे लेकर किसी भी अधिकारी ने कुछ नहीं किया। एेसा नहीं है कि विभाग को इस भ्रष्टाचार की जानकारी नहीं है। विभाग के एक्सईएन समेत तमाम वरीय अधिकारी से भी इसकी शिकायत की गई थी। लेकिन काेई कार्रवाई नहीं की गई।

आधे प्लेटफॉर्म पर ही लगा शेड

40 डिग्री तापमान व तपती धूप से बचने के लिए नवनिर्मित पूरे प्लेटफॉर्म पर शेड नहीं, पीने के पानी की व्यवस्था भी नहीं

काेच इंडिकेटर बाेर्ड भी नहीं

24 कराेड़ खर्च के बावजूद ए ग्रेड स्टेशन के 4 व 5 नंबर प्लेटफॉर्म पर सी ग्रेड स्टेशन जैसी यात्री सुविधाएं भी नहीं

प्लेटफॉर्म निर्माण में भ्रष्टाचार, यात्रियों के बैठने के लिए बने बेंच में लगाई गईं घटिया क्वालिटी की ईंटें

भास्कर के पास कई ऐसे फाेटाे-वीडियाे माैजूद हैं, जाे यह साबित करते हैं कि प्लेटफॉर्म निर्माण में काफी भ्रष्टाचार किया गया है। इसमें लगाई गई ईंट की क्वालिटी काफी घटिया है। वहीं बालू में सीमेंट का मिश्रण मानक से काफी कम किया गया है। प्लेटफॉर्म पर यात्रियाें के बैठने के लिए 24 बेंच बनाए गए हैं। जिसके निर्माण में निम्न क्वालिटी की ईंट इस्तेमाल की गई है। इस भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए टाइल्स लगा कर उसे ढंक दिया गया है।

उस पर भी आधे से अधिक प्लेटफॉर्म पर टाइल्स नहीं लगी है। यही नहीं, प्लेटफॉर्म के शेड में एस्बेस्टस की जगह पारदर्शी प्लेट लगाना था। लेकिन उसकी जगह पर एस्बेस्टस ही लगा दिया गया। हालांकि, कार्यकारी एजेंसी का कहना है कि इसकी काॅस्ट कटिंग कर दी गई है।

​​​​​​​इधर, मेन गेट पर खाेमचा वाले और पार्किंग स्टैंड के कर्मी की ओर से अवैध वसूली के कारण लगता है जाम

इधर, जंक्शन के मेन गेट पर खाेमचा-ठेला लगाने वालों और पार्किंग स्टैंड कर्मी की ओर से वाहनाें की अवैध वसूली के कारण जाम लगता है। मेन गेट के समीप ही कई खाेमचे वाले सामान रखकर बेचते हैं। जिससे जाम लगता है। वहीं, स्टैंड कर्मी सर्कुलेटिंग एरिया से बाहर निकलने वाले तीन व चार पहिया वाहनाें से शुल्क वसूलने के लिए उसे राेकते हैं। इससे पीछे से आने वाले यात्री जाम में फंस जाते है। शिकायत के बाद भी काेई कार्रवाई नहीं हाेती है।

 

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