बिहार की जनता को पेट्रोल-डीजल पर राहत नहीं:PM के आग्रह पर वित्त मंत्री ने कहा- हम नवंबर में ही कम कर चुके हैं VAT

बिहार में लोगों को पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से राहत नहीं मिलेगी। PM नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यों से मूल्य वर्धित कर (VAT) कम करने का आग्रह किया था। इसके जवाब में राज्य के वित्त मंत्री सह डिप्टी CM तारकिशोर प्रसाद ने कहा है कि फिलहाल बिहार सरकार VAT कम नहीं करेगी।PM नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा था कि केंद्र सरकार की ओर से पेट्रोल-डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क कम करने के बाद भी कुछ राज्य (VAT) नहीं घटा रहे हैं। ये जनता के साथ अन्याय है। राज्य अगर प्रधानमंत्री की बात मान लेते हैं तो इससे पेट्रोल-डीजल की कीमतों के बढ़ते बोझ से जनता को राहत मिल सकती है।

इसके जवाब में डिप्टी CM तारकिशोर प्रसाद ने गुरुवार को कहा कि नवंबर में केंद्र सरकार की ओर से एक्साइज ड्यूटी कम करने के बाद बिहार सरकार की तरफ से तत्काल पेट्रोल और डीजल में VAT कम कर दिया गया था। इससे केंद्र के अलावा राज्य स्तर पर डीजल 3.90 रुपए और पेट्रोल में 3.20 रुपए सस्ता हुआ था।

जितना कम हुआ उससे ज्यादा महंगा हुआ
गुरुवार को पटना में पेट्रोल 116.23 रुपए प्रति लीटर और डीजल 101.6 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है। नवंबर से लेकर अभी तक डीजल की कीमत में 9.7 रुपए प्रति लीटर और पेट्रोल की कीमत में 10.33 रुपए लीटर की बढ़ोतरी हुई है। यह कीमत नवंबर की कीमत से भी ज्यादा है जब इसमें राहत दी गई थी। तब पेट्रोल की कीमत 113 रुपए प्रति लीटर थी और डीजल की कीमत 105 रुपए प्रति लीटर थी। राहत के बाद यह घटकर क्रमश: 105 रुपए प्रति लीटर और 91.9 रुपए प्रति लीटर हो गई थी।

ऐसे समझिए, कम VAT होने के बाद क्यों महंगा है पेट्रोल-डीजल
तेल कंपनी के एक अधिकारी के मुताबिक बिहार सरकार पेट्रोल पर लगभग 25% और डीजल पर लगभग 19 % VAT लेती है। ये अन्य राज्यों से कम है। इसके बाद भी उत्तर प्रदेश से डीजल की कीमत लगभग 6 रुपए अधिक है तो झारखंड से पेट्रोल की कीमत ज्यादा है। इस पर बिहार पेट्रोलिय डीलर्स एसोसिएशन, जेनरल सेक्रेटरी ब्रिजेंद्र सिन्हा कहते हैं कि सरकार की तरफ से 30% सरचार्च वसूलने के कारण दाम कम नहीं हो पा रहे हैं।

सरकार को हर साल लगभग 4500 करोड़ रुपए का हो रहा घाटा
ब्रिजेंद्र सिन्हा कहते हैं कि सरकार इस सरचार्च के कारण यूपी से लगभग 6.5 रुपए महंगा डीजल बिहार में मिल रहा है। नतीजा सीमाई जिलों के ट्रक या ऐसे संस्थान जिनके यहां डीजल की खपत ज्यादा है वे UP से डीजल खरीद लेते हैं। इस सरकार को हर साल औसतन लगभग 4500 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है।

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