नेपाल में सरसों तेल 260 रुपये प्रति लीटर, अगला श्रीलंका साबित हो सकता है नेपाल

नेपाल में आर्थिक संकट और इसके चलते बढ़ी बेतहाशा महंगाई का असर सीमावर्ती बाजारों में दिखने लगा है। पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी और रक्सौल से सटे बाजार में नेपाली ग्राहकों की भीड़ बढ़ गई है। बीते एक सप्ताह में 20 से 25 प्रतिशत तक कारोबार बढ़ा है। नेपाल के पांडेपुर से इनरवा बाजार में खरीदारी करने आईं रंभा खातून और हरेंद्र कुशवाहा ने बताया कि पिछले एक माह में नेपाल में महंगाई आसमान छूने लगी है।

पहले जिन सामान की खरीदारी के लिए भारतीय लोग नेपाल आते थे, हमें यहां आना पड़ रहा है। इसमें काजू, किशमिश, सुपारी, गरम मसाला, मखाना, सूखा मेवा, चप्पल आदि है। नेपाल में इनकी कीमत दोगुनी तक बढ़ गई है। सिकटा के व्यापार संघ से जुड़े कपड़ा व्यवसायी प्रदीप का कहना है कि पहले 12 से 15 लाख प्रतिदिन व्यवसाय होता था। अब 22 से 25 लाख हो गया है।

सीतामढ़ी के सोनबरसा, भिट्ठामोड़ सुरसंड, बैरगनिया सहित अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में नेपाली ग्राहकों की भीड़ तीन गुना तक बढ़ गई है। बैरगनिया चैंबर आफ कामर्स के अध्यक्ष मो. सलाउद्दीन ने बताया कि किराना सामान की खरीदारी ज्यादा हो रही है। सीमावर्ती जयनगर के किराना व्यवसायी राजकुमार साह ने बताया कि अन्य दिनों की अपेक्षा बिक्री बढ़ गई है। पहले जो नेपाली ग्राहक सरसों का तेल एक लीटर खरीदकर ले जाते थे, उनमें से अधिकतर पांच लीटर ले जा रहे हैं।

रक्सौल में भारतीय मुद्रा में पान मसाला 18 रुपये में मिलता है, जबकि नेपाल में 30 रुपये में है। यहां चावल 60 से लेकर 130 रुपये प्रति किलो है, वही नेपाल में 100 से लेकर 200 में बिक रहा। अन्य खाद्य वस्तुओं का हाल कुछ ऐसा ही है। हाल के कुछ दिनों में दाम में ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। इसके चलते रक्सौल में नेपाली ग्राहकों की संख्या बढऩे के साथ वे खरीदारी भी ज्यादा कर रहे।

कई तो तस्करी में लग गए हैं। साइकिल पर सामान लादकर ग्रामीण रास्तों से आते-जाते हैं। रक्सौल टेक्सटाइल्स चैंबर आफ कामर्स के सचिव आलोक कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि व्यापार में 15 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

 

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Muzaffarpur News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading