गर्मी जैसे-जैसे रफ्तार पकड़ रही है। उसी तरह AES के मामले में उत्तर बिहार में सामने आने लगे हैं। SKMCH के PICU (पीकू) वार्ड में भर्ती तीन बच्चों में AES की पुष्टि हुई है। तीनों बच्चे कांटी, बोचहां और औराई प्रखंड के बताये गये हैं।

उपाधीक्षक सह शिशु विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि बोचहां के रहने वाले छह साल के मो बिलाल, कांटी प्रखंड के दादर अहियापुर के मो. सयैद इरशाद के दो साल का पुत्र फवाद आलम और औराई के रामप्रवेश साह के आठ साल के पुत्र त्रिनेत्र कुमार में AES की पुष्टि हुई है।

पीड़ित बच्ची की रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी गयी है। पीड़ित बच्चों में भी हाइपोग्लाइसीमिया की पुष्टि बताया गया है। इन्हें वार्ड में भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया गया है। तीन बच्चों में AES की पुष्टि होने के बाद मरीजों का आंकड़ा बढ़कर इस साल 24 हो गया है।

दो बच्चों की हुई थी मौत
जिसमे AES की पुष्टि हुई है। उसमें 17 बच्चा और 7 बच्ची शामिल है। जबकि इलाज के दौरान दो बच्चे की मौत हो चुकी है। वहीं 13 केस मुजफ्फरपुर के, तीन केस मोतिहारी और पांच सीतामढ़ी, एक अररिया, एक वैशाली, एक बेतिया का है। सीतामढी व वैशाली के बच्चा की मौत इलाज के दौरान हुई थी। अन्य 18 बच्चे स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। डॉ सहनी ने बताया कि पीकू वार्ड में तीनों को भर्ती कर AES के प्राटोकॉल के तहत इलाज किया जा रहा हैं।

परिजन सावधानी और सतर्कता बरतें
डॉ. साहनी ने बताया की परिजन इस मौसम में बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति जितना सजग और सतर्क रहें। उतना बेहतर होगा। बच्चों को धूप में नहीं जाने दें। दिन में कम से कम दो बार नहलाएं। ताजा खाना खिलाएं। रात में उठकर बच्चों को देखते रहें। रात को कभी भूखे पेट नहीं सोने दें। किसी भी प्रकार का संदेह हो तो फौरन स्थानीय PHC में जाएं।