छपरा-बलिया रेल खंड पर प्रेमी जोड़े ने हाथों में हाथ डाले ट्रेन के आगे कूद कर जान दे दी। बताया जाता है कि युवक-युवती काफी देर से रेल पुल पर बैठे थे। घंटों आपस में बातें की, फिर ट्रेन आने पर एकदूसरे का हाथ पकड़ कर कूद गए।

सरयू नदी के ऊपर बने मांझी रेल पुल के पाया संख्या-3 पर शुक्रवार को ये घटना हुई। दोनों शव का चेहरा क्षत-विक्षत होने के कारण पहचानना मुश्किल था। घटना की जानकारी मिलते ही यूपी की बैरिया और बिहार की मांझी थाना पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंच छानबीन की। देर रात तक मृतकों की पहचान नहीं हो सकी थी।

पुलिस ने काफी छानबीन की तो 24 घंटे बाद दोनों की पहचान हुई। मृत युवक की पहचान रिविलगंज थाना के गोदना निवासी शुभम कुमार (22) पिता सतन चौरसिया के रूप में हुई। युवती की पहचान सीमावर्ती राज्य उत्तर प्रदेश के सुरेमनपुर बकुलाहा डोकती निवासी निशा कुमारी के रूप में हुई। बताया जा रहा युवती की बहन की शादी युवक के पड़ोस में हुई है। बहन के ससुराल आने-जाने के दौरान दोनों एक दूसरे के नजदीक आ गए। खबर है कि युवती की शादी कहीं और तय हो गई थी, इसलिए दोनों ने एक साथ जान दे दी।

घटना के बाद करीब दो घंटे तक दोनों प्रदेशों की पुलिस सीमा विवाद में उलझी रही। बाद में स्थानीय लोगों से जानकारी व सलाह मशविरा के बाद छपरा के मांझी थाना पुलिस ने दोनों शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया।
जानिए निर्माणाधीन पुल पर काम कर रहे मजदूरों ने क्या देखा
मांझी रेल पुल के बगल में निर्माणाधीन रेल पुल पर काम कर रहे मजदूरों ने बताया कि युवक-युवती मौत से घंटों पहले से पुल के बीच में मैन प्लेटफार्म पर बैठकर बात करते रहे। कभी एक दूसरे के कंधे पर सिर रख तो कभी एक दूसरे के गोद में सिर रख बात करते रहे। आम लोग और ट्रेन के आवागमन से बेपरवाह जोड़ा घंटों अपने में मशगूल रहा।

कुछ घंटे बाद सामने से आ रही ट्रेन को देखकर अचानक दोनों रेल पटरी पर आ धमके। ट्रेन से टकराने से पूर्व दोनों ने एक-दूसरे का हाथ जकड़ लिया और जोर से चिल्लाते हुए जान दे दी। यह वाकया देख हमलोगों के होश उड़ गए और हमलोग ट्रेन के पुल से बाहर निकलते ही भाग खड़े हुए। प्रेमी टी-शर्ट और पैंट तथा प्रेमिका सलवार सूट पहने हुई थी। घटना के बाद पुल में बड़ी संख्या में देखने वाले जमा हो गए।