जिले में शुक्रवार की देर शाम आयी तेज आंधी-बारिश व ओलावृष्टि से आम व लीची को भारी नुकसान पहुंचा है। बड़े पैमाने पर आम के टिकोले व लीची के दाने झड़ गए। वहीं, कटनी कर खेतों में रखी गेहूं की फसल को भी काफी क्षति हुई है। फसल भींग जाने से दौनी प्रभावित हुई है।

मौसम की मार से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। दो साल कोरोना की मार झेल चुके किसानों को उम्मीद थी कि इस बार बेहतर फलन से उनके दिन बहुरेंगे, लेकिन आंधी-पानी से हुए नुकसान से उनकी उम्मीदों को झटका लगा है। लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह ने बताया कि मुरौल, मुशहरी, बोचहां में सबसे अधिक लीची को नुकसान पहुंचा है।

मुशहरी के गंगापुर, नरसिंहपुर, नवादा, रोहुआ सहित अन्य जगहों पर लीची और आम के पेड़ों की डालियां टूटकर गिर गईं। लीची के फल और आम के टिकोले बड़ी मात्रा में झड़ गए। गंगापुर के किसान सुनील कुमार सिंह, नवादा के विजय सिंह ने बताया कि फलों के दाने गिरने से काफी क्षति हुई है। बीएओ शत्रुघ्न पंडित ने बताया कि फल अभी काफी छोटे हैं। इस वजह से आंशिक क्षति हुई है।

वहीं, औराई प्रखंड में भी आम व लीची को काफी नुकसान पहुंचा है। हालांकि, बारिश कम होने से फसलों को कोई खास क्षति नहीं हुई है। बीएओ शंभू चौधरी ने बताया कि फसलों को कोई खास क्षति नही हुई है। लेकिन आम लीची को बड़ी क्षति हुई है। बंदरा प्रखंड में आम और लीची के फल को आंधी से आंशिक क्षति होने का अनुमान है। बीएओ अवधेश कुमार चौधरी ने बताया कि फिलहाल, भारी नुकसान की सूचना नहीं मिली है।
